केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि कोयला आवंटन से संबंधित गायब फाइलों को खोजने की हरसंभव कोशिशें की जा रही हैं।
उन्होंने उन आरोपों को खारिज किया कि लापता फाइलें उस परिवार से संबंधित हैं, जिनका उनके साथ करीबी रिश्ता है। उन्होंने कहा, "यदि ये आरोप सच साबित होते हैं तो मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।"
सदन में वक्तव्य देते हुए मंत्री ने कहा कि लापता फाइलों के मामले को देखने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की गई है।
कोयला मंत्री ने शनिवार को स्वीकार किया था कि कोल ब्लॉक आवंटन से संबंधित कुछ फाइलें लापता हैं।
उन्होंने कहा, "केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला मंत्रालय से जून 2004 से पहले की उन कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, जिन्हें कोयला ब्लॉक आवंटित नहीं किया गया था। इसके अलावा सीबीआई ने कुछ अन्य दस्तावेजों की मांग भी की थी।"
जायसवाल ने आगे बताया, "कोयला मंत्रालय में चूंकि कुछ फाइलें नहीं मिल पा रही हैं, इसलिए मैंने इस मामले की पड़ताल के लिए 11 जुलाई को अतिरिक्त सचिव (कोयला) की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित कर दी है।"
जायसवाल ने संसद को आश्वासन दिया कि कोयला मंत्रालय से गायब फाइलों को तलाशने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद में जमकर हंगामा किया और कोयला मंत्री जायसवाल से मांग की कि वह उन कंपनियों के नाम बताएं जिनसे संबंधित फाइलें गायब हुई हैं।
भाजपा के हंगामे के बीच जायसवाल ने कहा, "मैं सदन को यह आश्वासन देना चाहूंगा कि मेरा मंत्रालय सीबीआई द्वारा मांगे गए दस्तावेज को तलाशने और उसे मुहैया कराने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगा।"
उन्होंने कहा, "अभी तक 769 मूल फाइलें सीबीआई को जांच के लिए सौंपी जा चुकी हैं। इन फाइलों में 150,000 से ज्यादा पृष्ठ हैं। जांच प्रक्रिया में यदि अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग की गई तो मंत्रालय उसे मुहैया कराएगा।"