SEBI Board Meeting: SEBI बोर्ड की मीटिंग में फाइनेंशियल एडवाइजर्स, कंपनी डीलिस्टिंग, डेरिवेटिव ट्रेडिंग और AIF को लेकर बड़े फैसले हुए हैं.
SEBI बोर्ड की मीटिंग में फिनफ्लुएंसर्स को रेगुलेट करने के लिए नए नियमों को मंजूरी दे दी गई है. अब SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजर्स किसी फिनफ्लुएंसर्स के साथ करार नहीं कर पाएंगे.
इसके अलावा स्वैच्छिक डीलिस्टिंग नियमों में भी कुछ छूट का ऐलान किया गया है. स्वैच्छिक डीलिस्टिंग के लिए फिक्स्ड प्राइस प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है.
लेकिन डीलिस्टिंग को तभी मंजूर किया जाएगा, जब एग्रीगेट लेवल पर कम से कम 90% शेयरधारकों से शेयर खरीद लिए गए हों. इसके साथ ही डीलिस्टिंग के लिए तय कीमत फ्लोर प्राइस से कम से कम 15% ज्यादा होनी चाहिए.
SEBI बोर्ड की मीटिंग में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) को बड़ी राहत मिली है. अब कैटेगरी-1 और कैटेगरी-2 के AIFs को 30 दिन के लिए उधार लेने की अनुमति होगी. मतलब इन्वेस्टर्स के पैसे निकालने पर फंड की कमी की स्थिति में AIFs उधार ले सकेंगे.
शेयरों के डेरिवेटिव सेगमेंट में एंट्री और एग्जिट के लिए नियमों में बदलाव. डेरिवेटिव सेगमेंट में एंट्री के नियमों में पिछला बदलाव 2018 में हुआ था.
SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजर्स और एनालिस्ट्स को पेमेंट के लिए एक ऑप्शनल मैकेनिज्म को बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है.
इस पेमेंट मैकेनिज्म से एडवाइजर्स और एनालिस्ट में इन्वेस्टर्स के विश्वास को बेहतर करने के लिए एक इकोसिस्टम बनाने की कोशिश है.
कुछ यूनिवर्सिटी फंड्स के अतिरिक्त डिस्क्लोजर नियमों में छूट दी