भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विजय माल्या की अगुवाई वाले यूबी समूह की विभिन्न सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय लेनदेन में गंभीर गड़बड़ियों के मद्देनजर अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। नियामक प्रवर्तकों द्वारा कोष को इधर-उधर करने की जांच कर रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया इस मामले की जानकारी अन्य एजेंसियों और सरकारी विभागों को भी दी गई है। इनमें कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय तथा गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) शामिल हैं। सेबी प्रतिभूति बाजार नियमनों के उल्लंघन की जांच कर रहा है। इसमें कड़े खुलासा नियम तथा प्रवर्तकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ 'भेदिया कारोबार' शामिल हैं।
इसके साथ ही नियामक अन्य नियमों के संभावित उल्लंघन की भी जांच कर रहा है। ये नियम धोखाधड़ी वाले और अनुचित व्यापार से संबंधित हैं। इनसे अल्पांश शेयरधारकों का हित जुड़ा है।
एक फॉरेंसिक ऑडिट में मेंगलूर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स द्वारा दिए गए ऋण और निवेश में संभावित अनियमितताएं पाई गई हैं। इस कंपनी में माल्या समूह प्रवर्तक इकाई है, हालांकि जुआरी ग्रुप ने इसमें नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल कर ली है। मेंगलूर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स के बोर्ड ने कंपनी द्वारा बेंगलूर बेवरेजेज में किए गए 200 करोड़ रुपये के निवेश के फॉरेंसिक ऑडिट का निर्देश दिया था। ऑडिट में यह तथ्य सामने आया है कि इस तरह के लेनदेन में संभवत: अनियमितता शामिल रही है।
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