SEBI ने ICICI बैंक को चेतावनी जारी की है. दरअसल ये चेतावनी ICICI सिक्योरिटीज के इक्विटी शेयर्स को डीलिस्ट कराने के लिए होने वाली वोटिंग को प्रभावित करने के आरोपों के बाद जारी की गई है. आरोपों के मुताबिक बैंक कर्मचारियों ने ग्राहकों से बातचीत कर उन्हें बैंक के पक्ष में वोट करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की.
ICICI बैंक ने एक्सचेंज में रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी और बताया कि इससे बैंक के फाइनेंशियल, ऑपरेशन या किसी और गतिविधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
मार्च में ICICI बैंक की ICICI सिक्योरिटीज के शेयरहोल्डर्स ने लगातार फोन करने के लिए बैंक और इसके कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर आलोचना की थी. ये कर्मचारी फोन कर शेयरहोल्डर्स से ब्रोकरेज हाउस को डीलिस्ट करने और पेरेंट कंपनी के साथ मर्जर के प्रस्ताव के पक्ष में फोन करने को कह रहे थे.
मामला तब और भी गंभीर हो गया, जब बैंक कर्मचारियों ने शेयरहोल्डर्स को प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने का स्क्रीनशॉट शेयर करने को कहा. कुछ लोग तो कुछ शेयरहोल्डर्स के घर तक पहुंच गए. प्रस्ताव पर वोटिंग 22 मार्च को शुरू हुई थी, जो 26 मार्च को खत्म हो गई.
बैंक की ICICI सिक्योरिटीज में 74.8% की हिस्सेदारी है. प्रस्ताव में शेयरहोल्डर्स को 3 ICICI सिक्योरिटीज के शेयर्स के बदले में ICICI बैंक के 2 शेयर देने की बात थी.
इस हंगामे के बीच क्वांटम म्यूचुअल फंड ने ICICI सिक्योरिटीज की डीलिस्टिंग में स्वैप रेश्यो के अनफेयर होने की बात कही. इसके बाद 100 से ज्यादा माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स ने बैंक के खिलाफ NCLT में 10 मई को मुकदमा दायर किया, जिसमें SEBI को भी एक पार्टी बनाया गया था.
SEBI ने चेतावनी में कहा है कि बैंक द्वारा चलाया गया आउटरीच प्रोग्राम 'सही नहीं' था.
बैंक को लिखे खत में SEBI ने कहा, 'इस पर गंभीरता से विचार किया गया है. इसलिए आपको भविष्य में सावधान रहने की चेतावनी दी जाती है, साथ ही ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अपने कंप्लायंस स्टैंडर्ड्स को सुधारने की सलाह दी जाती है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों, ऐसा ना होने पर आपके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.'
अपने जवाब में ICICI बैंक ने कहा कि बैंक की अपील के बाद ICICI सिक्योरिटीज ने अपने शेयरहोल्डर्स का डेटा शेयर किया था और आउटरीच प्रोग्राम वोटिंग प्रक्रिया में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चलाया गया था.