अगस्त में भारत का सर्विस सेक्टर (Service Sector) तेज रफ्तार से बढ़ा है. इस सर्वे में कहा गया है कि मार्च के बाद से बिजनेस एक्टिविटी में सबसे अधिक विस्तार हुआ है. सर्विस सेक्टर प्रोवाइडर्स ने संकेत दिया कि दूसरी तिमाही की मजबूत शुरुआत अगस्त में भी जारी रहेगी. HSBC इंडिया सर्विसेज PMI (Services PMI) के मुताबिक अगस्त में ये आंकड़ा 60.9 पहुंच गया है. जबकि जुलाई में ये आंकड़ा 60.3 था.
HSBC इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स 60.7 पर है जो कि जुलाई के स्तर से मेल खाता है और इसलिए ये अपने लॉन्ग रन एवरेज 54.6 से काफी ऊपर बना हुआ है.
सर्विस सेक्टर में बढ़ोतरी प्रोडक्टिविटी गेन और पॉजिटिव डिमांड ट्रेंड पर आधारित थी. नए ऑर्डर में ग्रोथ जुलाई से मामूली रूप से बढ़ी है और अप्रैल के बाद से ये सबसे मजबूत स्थिति में है. सब-सेक्टर डेटा के मुताबिक, फाइनेंस और इंश्योरेंस को आउटपुट और नए बिजनेस, दोनों ही मामले में देश की सर्विस इकोनॉमी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सेक्टर बताया गया है.
डेटा ने संकेत दिया कि कुल बिक्री में तेजी घरेलू बाजार पर केंद्रित थी, क्योंकि अगस्त में नए एक्सपोर्ट कारोबार में धीमी गति से बढ़ोतरी हुई थी. छह महीने के निचले स्तर पर आने के बावजूद बढ़ोतरी उल्लेखनीय थी.
सर्विस प्रोवाइडर्स ने फूड, लेबर एंड ट्रांसपोर्टेशन लागत में बढ़ोतरी के बीच अपने ऑपरेटिंग एक्सपेंस में और बढ़ोतरी का संकेत दिया. हालांकि, ओवरआल रेट ऑफ इन्फ्लेशन मामूली थी और अगस्त 2020 के बाद से सबसे कमजोर थी. इसके बाद, भारत की सर्विस इकोनॉमी में ओवरआल रेट ऑफ चार्ज इन्फ्लेशन मॉडरेट रही. जुलाई में हुई बढ़ोतरी की तुलना में भी ये बढ़ोतरी धीमी थी.
नए बिजनेस की निरंतर बढ़ोतरी ने सर्विस सेक्टर में रोजगार सृजन को लगातार बनाए रखा है. चार महीने के निचले स्तर पर धीमी होने के बावजूद एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ की गति ठोस बनी रही. 21% सर्विस प्रोवाइडर्स को आने वाले 12 महीनों के दौरान प्रोडक्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद है (केवल 1% को गिरावट की उम्मीद है), जबकि जुलाई में ये लगभग 30% था. इसके बाद, पॉजिटिव सेंटीमेंट का ओवरआल लेवल 13 महीने के निचले स्तर पर आ गया. लेकिन कुछ फर्म प्रतिस्पर्धी दबाव को लेकर चिंतित थे.