2019 में लोकसभा के चुनाव होने हैं. माना जा रहा है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांग के बाद उन्हें खुश करने के लिए कुछ ही महीनों में महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला ले सकती है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सरकार इस बारे में विचार कर रही है. जानकारी के लिए बता दें कि अमूमन साल में दो बार सरकार महंगाई भत्ता (Dearness Allowance DA) अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों को देती है. जनवरी और जुलाई से यह लागू किया जाता है. यह अलग बात है कि सरकार की घोषणा में थोड़ी बहुत देरी हो जाती है. जैसे 2018 के मार्च में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की घोषणा की थी, जिसे जनवरी 2018 से लागू किया गया था.
अब जुलाई है और एक बार केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि कब सरकार इस बारे में घोषणा करती है. ऐसा देखा गया है कि जुलाई में लागू होने वाला महंगाई भत्ता सरकार अगस्त या सितंबर में घोषित करती है.
बता दें कि मार्च में केंद्र सरकार ने देश के करीब 1.10 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते में दो फीसदी बढ़ोतरी कर दी थी. लिहाजा तब से सरकारी कर्मचारियों को 5 फीसदी की जगह 7 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है. नई दरें इस साल 1 जनवरी से लागू की गई थीं. केंद्रीय मंत्रियमंडल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया गया था.
सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को 1 जनवरी से अब तक महंगाई भत्ता जोड़कर मिल रहा है. गौरतलब है कि इस मंजूरी के बाद केन्द्र सरकार के 48.41 लाख कर्मचारियों अैर 61.17 पेंशन भोगियों को फायदा हो रहा है. इस फैसले के बाद सरकारी खजाने पर सालाना 6,077.72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ रहा है.
खास बात ये कि महंगाई भत्ते की यह वृद्धि स्वीकार्य फार्मूले के मुताबिक हुई थी. यह फार्मूला 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता (डीए) एक प्रतिशत बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया था. इस फैसले से 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशन भोगियों को लाभ हुआ.