पैसों की किल्लत से जूझ रही वोडोफोन-आइडिया की गुरुवार को एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) हुई. जिसमें शेयरहोल्डर्स ने सिक्योरिटीज जारी करके 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी. दरअसल, वोडाफोन आइडिया को 5G के रोलआउट के लिए नए निवेशकों की तलाश है.
कंपनी के बोर्ड ने फरवरी के अंत में 20,000 करोड़ रुपये की धन उगाहने की योजना को मंजूरी दी थी और आने वाले महीनों में पैसे जुटाने की योजना पूरी होने की उम्मीद है.
EGM के दौरान करीब 85% शेयरहोल्डर्स ने ई-वोटिंग में हिस्सा लिया, इसमें से 99% ने पैसे जुटाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी. ध्यान देने वाली बात ये है कि केवल केवल 1.6% गैर-संस्थागत सार्वजनिक निवेशकों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
UK के वोडाफोन ग्रुप के पास वोडाफोन आइडिया की 18.1% हिस्सेदारी है, जबकि आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास 32.3% हिस्सेदारी है.
पूंजी जुटाने की ये योजना आदित्य बिड़ला समूह की इक्विटी और डेट के जरिए 45,000 करोड़ करोड़ रुपये जुटाने की बड़ी योजना का एक हिस्सा है. बोर्ड अब प्रेफरेंशियल आधार पर इक्विटी शेयर या कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज जारी करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 6 अप्रैल को बैठक करेगा.
फरवरी में ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने अपने नया पेंट बिजनेस - बिड़ला ओपस लॉन्च किया था, उस इवेंट में आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरपर्सन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा था कि उनकी टेलीकॉम बिजनेस से निकलने की कोई योजना नहीं है, उन्होंने कहा कि समूह वोडाफोन आइडिया में नए निवेशकों की तलाश जारी रखेगा.
27 फरवरी जब 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना का ऐलान हुआ था, तो इसे निवेशकों के लिए एक झटके के रूप में देखा गया, अगले ही दिन शेयर 14% टूट गया. हालांकि एनालिस्ट्स ने इसे कंपनी के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में ही माना.