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SpaceX के CEO एलन मस्क क्या भारत के स्पेस सेक्टर में करेंगे निवेश? सरकार ने बदले FEMA के नियम

FEMA नियमों में बदलाव तब किया जा रहा है, जब अगले हफ्ते टेस्ला और स्पेस-एक्स के CEO एलन मस्क भारत आ रहे हैं. ऐसे में ये कयास लगाया जाना लाजिमी है कि क्या एलन मस्क भारत के स्पेस सेक्टर में निवेश करने का ऐलान कर सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी02:20 PM IST, 18 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) को लेकर भारत में खबरों का बाजार गर्म है. अगले हफ्ते मस्क भारत आने वाले हैं, वो भारत में टेस्ला की एंट्री के साथ साथ स्पेस सेक्टर में भी निवेश कर सकते हैं. इन संभावनाओं को जो ताकत मिली है, इसके पीछे बीते कुछ दिनों में सरकार की तरफ से हुई पहल है.

पहले FDI नियम बदले, अब FEMA में संशोधन

सरकार ने फरवरी में स्पेस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट (FDI) बढ़ाने के लिए नियमों में बदलाव किया था, अब वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इन FDI के साथ तालमेल बैठाने के लिए FEMA (Foreign Exchange Management Act) नियमों में भी संशोधन कर दिया है.

21 फरवरी, 2024 को कैबिनेट ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और निजी कंपनियों को स्पेस सेक्टर में बढ़ावा देने के लिए FDI नियमों में बदलावों को मंजूरी दी थी. इसके बाद इसे DPIIT ने भी मार्च, 2024 में नोटिफाई कर दिया था.

क्या मस्क लगाएंगे भारतीय स्पेस सेक्टर दांव?

FEMA नियमों में बदलाव तब किया जा रहा है, जब अगले हफ्ते टेस्ला और स्पेस-एक्स के CEO एलन मस्क भारत आ रहे हैं. ऐसे में ये कयास लगाया जाना लाजिमी है कि क्या एलन मस्क भारत के स्पेस सेक्टर में निवेश करने का ऐलान कर सकते हैं.

कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा गया है कि मस्क जब अगले हफ्ते भारत आएंगे तो भारत के एयरोस्पेस स्टार्टअप्स के नुमाइंदों के साथ मुलाकात भी करेंगे. भारत में अग्निकुल कॉसमॉस, ध्रुव स्पेस और स्काईरूट एयरोस्पेस जैसे कई स्टार्टअप्स हैं, जो अच्छा काम कर रहे हैं. मस्क इनसे मुलाकात कर सकते हैं.

पिछले साल चंद्रयान-3 के चांद के साउथ पोल पर सफल लॉन्च के बाद भारत ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. अब भारत साल 2025 में मिशन गगनयान की तैयारी कर रहा है. इससे दुनिया को ये संदेश गया है कि भारत अपने स्पेश मिशन को लेकर तेजी से आगे बढ़ रहा है.

इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉलिसी में कई जरूरी बदलाव भी किए हैं. फरवरी में FDI के दरवाजे खोलना इसी का हिस्सा था, इससे देश में रॉकेट और सैटेलाइट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा. एलन मस्क की भारत यात्रा के दौरान इस बात से भी पर्दा उठेगा कि क्या एलन मस्क के स्पेस-एक्स की भारत में एंट्री होगी.

बदलावों का मकसद क्या है? 

इंडियन स्पेस पॉलिसी 2023 के मुताबिक इन बदवालों के जरिए सरकार ज्यादा से ज्यादा निजी कंपनियों को स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लेकर आना चाहती है. नए FDI नियमों के मुताबिक सरकार ने सैटेलाइट निर्माण और संचालन, सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट्स और 'ग्राउंड' और 'यूजर' सेगमेंट के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिए 74% तक FDI को मंजूरी दी है. इससे ज्यादा के निवेश पर सरकार की मंजूरी लेनी होगी.

इसी तरह, लॉन्च व्हीकल्स और इससे जुड़े सिस्टम या सब-सिस्टम, स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने और रिसीव करने के लिए स्पेसपोर्ट के निर्माण के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिए 49% FDI की इजाजत है. सैटेलाइट, ग्राउंड और यूजर सेगमेंट के लिए कंपोनेंट और सिस्टम/सबसिस्टम के निर्माण के लिए, ऑटोमैटिक रूट के जरिए 100% FDI की इजाजत दी गई है.

FDI नियमों में बदलाव

  • 74% तक FDI ऑटोमैटिक रूट: सैटेलाइट निर्माण और संचालन, सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट्स और ग्राउंड और यूजर सेगमेंट के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिए 74% तक FDI को मंजूरी दी, इससे ज्यादा के निवेश पर सरकार की मंजूरी लेनी होगी.

  • 49% तक FDI ऑटोमैटिक रूट: लॉन्च व्हीकल्स और इससे जुड़े सिस्टम या सब-सिस्टम, स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने और रिसीव करने के लिए स्पेसपोर्ट के निर्माण के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिए 49% FDI की इजाजत

  • 100% तक ऑटोमैटिक रूट: सैटेलाइट, ग्राउंड और यूजर सेगमेंट के लिए कंपोनेंट और सिस्टम/सबसिस्टम के निर्माण के लिए, ऑटोमैटिक रूट के जरिए 100% FDI की इजाजत

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