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SpiceJet-KAL Issue: स्पाइसजेट को राहत! सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, सिंगल जज को लौटाया मामला

NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी12:44 PM IST, 26 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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स्पाइसजेट-KAL विवाद में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court ) की एक डिवीजन बेंच के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसने स्पाइसजेट (SpiceJet Ltd.') के चेयरमैन अजय सिंह और KAL एयरवेज के कलानिधि मारन के बीच मध्यस्थता विवाद को वापस सिंगल जज बेंच के पास वापस भेज दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंगल जज ने बिना दिमाग लगाए आदेश पारित कर दिया और डिवीजन बेंच ने मामले को सिंगल जज बेंच को वापस भेजकर सही फैसला किया. सुप्रीम कोर्ट ने ये देखा कि मारन के पक्ष में आर्बिट्ररी ट्रिब्यूनल के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने वाले सिंगल जज का आदेश 'भयानक' था, कोर्ट ने कहा कि मामले को नए सिरे से विचार के लिए एक अलग सिंगल जज बेंच को वापस भेजने का निर्देश दिया जाता है.

ये खबर स्पाइसजेट के लिए राहत वाली खबर है.

क्या है पूरा मामला

ये विवाद साल 2015 का है, जब स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने KAL एयरवेज और कलानिधि मारन से स्पाइसजेट का अधिग्रहण किया था.

एग्रीमेंट के तहत, सन नेटवर्क (Sun Network) और काल एयरवेज (Kal Airways) के मालिक कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट से 58.46% हिस्सेदारी अजय सिंह को ट्रांसफर की थी.

इसके तहत मारन और काल एयरवेज को वॉरंट और प्रेफरेंस शेयर मिलने वाले थे, जो उनको कभी मिले ही नहीं. 2018 में ट्रिब्यूनल ने मारन के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके तहत मारन को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये मिलने थे. इसमें ट्रिब्यूनल ने मारन की ओर से 1,323 करोड़ रुपये दिए जाने के दावे को खारिज किया, लेकिन ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये का रिफंड दिए जाने को मंजूरी दी.

स्पाइसजेट को इस मामले के तहत 329 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी और 250 करोड़ रुपये कैश के तहत देने का निर्देश दिया गया था. इस लिहाज से 30 महीने में 12% ब्याज के आधार पर स्पाइसजेट को 308 करोड़ रुपये देने थे. इसके साथ ही एयरलाइन को 270 करोड़ रुपये के कंपल्सरी रिडीमेबल प्रिफरेंस शेयर इश्यू करने थे. अगर स्पाइसजेट ये पैसा नहीं दे पाती है, तो मारन को 18% ब्याज के आधार पर ये पैसे मिलने थे.

31 जुलाई 2023 को, दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल जज बेंच ने 2018 में ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया. इसमें मारन और KAL एयरवेज की जीत हुई. इस फैसले को स्पाइसजेट ने चुनौती दी. ये केस सितंबर 2023 में जस्टिस यशवंत वर्मा और धर्मेश शर्मा के पास लाया गया था.

मई, 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज के दिए गए इस फैसले को पलट दिया है, जिसमें स्पाइसजेट को आदेश दिया गया था कि वो कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) को 270 करोड़ रुपये रिफंड करे, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी.

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