वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (EDC) के साथ लंबे समय से चले आ रहे वित्तीय विवाद का निपटारा कर लिया है.
स्पाइसजेट ने कहा कि इसके तहत उसने 90.8 मिलियन डॉलर (करीब 763 करोड़ रुपये) की देनदारी को 22.5 मिलियन डॉलर में निपटा लिया है, जिससे एयरलाइन को 68.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 574 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
एयरलाइन ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि ये स्पाइसजेट के इतिहास में सबसे बड़े समझौतों में से एक है और इसने इसकी बैलेंस शीट से एक बड़ी देनदारी को हटाकर इसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है.
स्पाइसजेट के चेयरमैन और MD अजय सिंह ने कहा कि इस सॉल्यूशन के साथ कंपनी मजबूत बैलेंस शीट के साथ आगे बढ़ सकेगी और अपने Q400 विमानों को जल्द से जल्द सेवा में वापस लाने पर फोकस कर पाएगी.
हम अपने रीजनल ऑपरेशन का विस्तार करने और अपने पुनर्जीवित बेड़े के साथ ‘उड़ान योजना' (UDAN Scheme) के तहत आने वाले प्रमुख रूट्स और अन्य बड़े रूट्स पर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं.अजय सिंह, चेयरमैन और MD, स्पाइसजेट
इस समझौते के तहत स्पाइसजेट ने 13 ‘Q400 फ्लाइट्स’ का मालिकाना हक हासिल किया है, जिन्हें पहले EDC ने फाइनेंस किया था. एयरलाइन का अनुमान है कि इन विमानों के स्वामित्व से मासिक किराये के खर्च को खत्म करके ऑपरेटिंग कॉस्ट में पर्याप्त कमी आएगी, जिससे एयरलाइन की वित्तीय स्थिति और भी स्थिर होगी.
इन नए विमानों की बदौलत स्पाइसजेट के क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से देश में केंद्र की उड़ान योजना के अंतर्गत आने वाले रूट्स पर, जिसका उद्देश्य उन रूट्स पर कनेक्टिविटी में सुधार करना है, जहां कम सर्विसेज हैं.
27 अक्टूबर से, स्पाइसजेट ने दिल्ली-अमृतसर-दिल्ली, गुवाहाटी-पटना-गुवाहाटी और दिल्ली-दरभंगा-दिल्ली सहित नए Q400-संचालित मार्ग शुरू किए हैं. इसके अतिरिक्त, एयरलाइन ने सेक्टर्स जैसे कि शिवमोगा-चेन्नई, शिवमोगा-हैदराबाद और चेन्नई-कोच्चि रूट्स पर भी सेवाएं शुरू की हैं.
स्पाइसजेट एयरलाइन ने 18 और उड़ानें शुरू करने की योजना बनाई है क्योंकि अब पहले से ज्यादा Q400 विमानों को सेवा में वापस लाया जा रहा है, जिससे इसके क्षेत्रीय नेटवर्क में और विस्तार और बेहतर कनेक्टिविटी संभव हो पाएगी.
ताजा घटनाक्रम के सेंटिमेंट का असर स्पाइसजेट के शेयर पर भी देखने को मिला. इसके शेयर गुरुवार को इंट्राडे के दौरान 5.17% बढ़कर NSE पर 56.40 रुपये के भाव पर पहुंच गया.
इस साल अब तक शेयर में 44.34% की ग्रोथ हुई है और उसके पिछले 12 महीनों में 8.29% की गिरावट आई है.
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, इस पर निगाह रखने वाले चार विश्लेषकों में से एक ने शेयर पर 'खरीदें' रेटिंग दी है, दो ने 'होल्ड' की सलाह दी है और एक ने 'बेचने' का सुझाव दिया है.