ADVERTISEMENT

SpiceJet-Maran Dispute: स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट से झटका! मारन को 380 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइसजेट को फरवरी के आदेश के अनुसार कलानिधि मारन को भुगतान करने के लिए कोई समय बढ़ाने से इनकार कर दिया.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:53 PM IST, 07 Jul 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

लेटलतीफी में सबसे आगे रहने वाली एयरलाइन स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइसजेट को आदेश दिया कि वो एयरलाइन के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपये की रकम चुकाए. कोर्ट ने स्पाइसजेट को इसके लिए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये बिजनेस कम्युनिटी में कमर्शियल एथिक्स को बनाए रखने का एकमात्र तरीका है.

कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपये लौटाने का मामला

दिल्ली हाईकोर्ट ने जून में स्पाइसजेट को अपने पूर्व प्रमोटर, सन ग्रुप के कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था. अदालत ने एयरलाइन को चार सप्ताह के भीतर संपत्ति का एक हलफनामा पेश करने का भी आदेश दिया था. इसके बाद स्पाइसजेट ने सुप्रीम कोर्ट में समयसीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई थी.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में स्पाइसजेट को दो हफ्तों के अंदर 270 करोड़ रुपये की बैंक गांरटी को भुनाकर कलानिधि मारन को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था. वहीं तीन महीने के अंदर 75 करोड़ रुपये का भी निर्देश दिया था.

चूंकि स्पाइसजेट 75 करोड़ रुपये का भुगतान करने में नाकाम रही थी, इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 मई को आदेश में कहा कि एयरलाइन को ब्याज सहित पूरी बकाया राशि जमा करने के लिए कहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

क्या है कलानिधि-स्पाइसजेट विवाद

ये विवाद मारन और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के बीच 2015 के समझौते से उपजा. सन नेटवर्क के मारन और उनकी निवेश इकाई KAL Airways ने स्पाइसजेट में अपनी 58.46% हिस्सेदारी सिंह को ट्रांसफर की थी. समझौते के तहत मारन और KAL Airways को वारंट और प्रेफरेंस शेयर जारी किए जाने थे. इन्हें कभी जारी नहीं किया गया.

साल 2018 में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण (आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल) ने मारन को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था. प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान, हाई कोर्ट ने एयरलाइन को बकाए ब्याज के लिए लगभग 243 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था. मामले की सुनवाई अब 5 सितंबर को होगी.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT