राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका की सरकार को अदाणी ग्रुप के दूसरे देशों के साथ लेनदेन से कोई सरोकार नहीं है.
अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान केवल इस बात पर है कि समूह श्रीलंका में क्या करता है. श्रीलंकाई राष्ट्रपति भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं.
अनुरा कुमारा दिसानायके ने ET को बताया, 'हमें इस बात पर कोई चिंता नहीं है कि वे (अदाणी) दूसरे देशों के साथ कैसे काम करते हैं. हमारे लिए महत्वपूर्ण ये है कि वे हमारे साथ कैसे काम करते हैं.' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अधिक भारतीय निवेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है और सरकार ये देखेगी कि 'उन्होंने (अदाणी) हमारे देश में कैसे काम किया है' रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा, 'अगर उन्होंने उस तरीके से काम किया है जो हमारे अनुकूल है, हमारी पहल के अनुरूप है, तो हमें अदाणी समूह के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं है.'
श्रीलंकाई राष्ट्रपति का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने ये संकेत दिया है कि वो अमेरिका से कर्ज लेने की जगह अपने आंतरिक संसाधनों का इस्तेमाल करके श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे.
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में पुष्टि की कि प्रोजेक्ट पर काम सही तरीके से आगे बढ़ रहा है और अगले साल की शुरुआत में इसके चालू होने की टाइमलाइन में कोई बदलाव नहीं होगा. इसमें कहा गया है, 'प्रोजेक्ट को हमारे आंतरिक संसाधनों से पूरा किया जाएगा. हमने US इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) से फंडिंग की अर्जी वापस ले ली है.'
अदाणी ग्रुप ने स्ट्रैटेजिक रूप से महत्वपूर्ण कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिए पिछले साल US इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से 553 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की थी. इस फैसले पर दिसानायके ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे पता चला है कि उन्होंने इसे छोड़ दिया है, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके पास इसके लिए फंडिंग के अपने स्रोत हैं.'