दुनिया की सबसे बड़ी कॉफी चेन स्टारबक्स कॉरपोरेशन (Starbucks Corp.) की भारत में ग्रोथ कोविड के बाद रिकॉर्ड निचले स्तर पर दर्ज की गई. हालांकि, कंपनी इसके बाद भी स्टोर्स की संख्या बढ़ाने को लेकर उत्साहित नजर आती है. स्टारबक्स की इंडिया यूनिट टाटा ग्रुप के साथ पार्टनरशिप में चल रही है.
कंपनी की इंडिया यूनिट का FY24 में कुल रेवेन्यू 1,218 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 12% की ग्रोथ है. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने हाल ही में ये आंकड़े जारी किए.
सिएटल स्थित रिटेलर कॉफी ब्रांड स्टारबक्स की भारत में FY17 से लेकर FY23 तक कंपाउंडेड सालाना ग्रोथ 21.89% रही. FY21 में इसके बड़ी गिरावट देखने को मिली थी, जब कोविड महामारी के चलते कंपनी की बिक्री में 33% की बड़ी गिरावट आई थी.
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) के MD & CEO सुनील डिसूजा (Sunil D'Souza) ने कहा, 'क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स (QSR) बिजनेस में ओवरऑल ट्रेंड के मुताबिक टाटा स्टारबक्स के लिए ये तिमाही कमजोर रही है'. हालांकि उन्होंने बताया कि मार्च महीने की परफॉर्मेंस फरवरी महीने के मुकाबले बेहतर रही है और अप्रैल में ये परफॉर्मेंस मार्च से भी अच्छी है.
उन्होंने कहा, 'हम अभी एक बेहतर ट्रेंड देख रहे हैं और बढ़ते भारत में अवसर बनाने पर फोकस्ड हैं'.
टाटा स्टारबक्स प्राइवेट का रेवेन्यू ऑपरेशंस शुरू करने के 11 साल बाद 1,000 करोड़ रुपये के आंकड़े के पार पहुंचा है. FY23 में पहली बार कंपनी का EBITDA लेवल पॉजिटिव हुआ था. फिलहाल, ये कंपनी घाटे में है.
मार्च 2023 में कंपनी का टर्नओवर 1,087 करोड़ रुपये और घाटा 25 करोड़ रुपये का रहा था.
$400 मिलियन के कॉफी मार्केट में स्टारबक्स का बेंगलुरु की कंपनी कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) और विदेशी ब्रांड बरिस्ता (Barista) जैसे प्रोडक्ट्स के साथ कंपटीशन है. इस कंपटीशन में थर्ड वेव और ब्लू टोकई जैसे ब्रांड ने भी एंट्री ली है, जिन्होंने बीते 3 साल में 200 तक स्टोर खोले हैं.
अक्टूबर 2012 में टाटा स्टारबक्स ने पहला कैफे खोला था और अब इनकी संख्या बढ़कर 421 हो गई है. हर आउटलेट से औसतन 3 करोड़ रुपये की कमाई होती है.
कंपनी भारत में 1,000 कैफे खोलने का प्लान कर रही है. इस लिहाज से कंपनी को हर 3 दिन में 1 स्टोर खोलना पड़ेगा.
स्टारबक्स ने जनवरी से मार्च के बीच 29 नए स्टोर खोले हैं. इस लिहाज से कंपनी ने 1 साल में 95 नए स्टोर खोले हैं, जो कि कंपनी के लिए एक रिकॉर्ड है.
कंपनी टियर-2 और टियर-3 शहरों में एंट्री का प्लान बना रही थी और एयरपोर्ट के साथ-साथ 24-hour कैफे के चलते अपनी ग्रोथ बढ़ाने पर फोकस कर रही थी. कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या भी दोगुनी कर 8,600 करना चाह रही थी.
कंपनी अपने कमजोर नतीजों के बाद अपने कस्टमर्स को नए प्रोडक्ट्स के साथ लुभाने की कोशिश कर रही है.
स्टारबक्स CEO लक्ष्मण नरसिंहन (Laxman Narasimhan) ने कहा, 'बीते 11 साल में, इंडियन मार्केट स्टारबक्स के लिए तेजी से उभरने वाले मार्केट्स में एक रहा है'. उन्होंने आगे कहा, 'बढ़ते मध्यम वर्ग के बीच, हम अपनी समृद्ध विरासत के साथ अपने कॉफी कल्चर को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं'.
स्टारबक्स कॉफी ब्रांड न केवल भारत में बल्कि ग्लोबल लेवल पर संघर्ष कर रहा है. चौथी तिमाही के कमजोर नतीजों के चलते स्टारबक्स ने पूरे साल के लिए अपनी सेल्स और मुनाफे के अनुमान में कटौती की है. 2020 के बाद जनवरी-मार्च में पहली बार कंपनी के रेवेन्यू में 2% की गिरावट दर्ज की गई.