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कोल इंडिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका! PSU पर भी लागू होगा CCI का कंपटीशन एक्ट, नहीं मिलेगी कोई छूट

CCI ने कोल इंडिया को 'एंटी कंपटीटिव बिहेवियर' बंद करने को कहा था और उस पर 1,773.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:00 PM IST, 15 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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देश की महारत्न कंपनियों में से एक 'कोल इंडिया' (Coal India) को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोल इंडिया पर 'कंपटीशन लॉ' लागू करने के CCI के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. कोल इंडिया ने CCI के आदेश के खिलाफ अपील की थी.

कोल इंडिया का कहना था कि वो CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. उसका कहना था कि उस पर कंपटीशन एक्ट-2002 लागू नहीं होता, क्योंकि वो 'कोल माइन्स (Nationalisation) एक्ट' के तहत शासित है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को खारिज कर दिया.

कोर्ट में कोल इंडिया का तर्क खारिज

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, कोल इंडिया ने तर्क दिया कि एकाधिकार (Monopoly) की संभावना वाले किसी भी अन्य कंपनी की तुलना में उसके साथ अलग व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि उसका प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों की भलाई करना है और ये अन्य निगमों की तुलना में अलग स्तर पर खड़ा है.

सुप्रीम कोर्ट ने कोल इंडिया के इस तर्क को खारिज कर दिया और मेरिट के आधार पर इस इश्यू को तय करने के लिए मामला CCI को वापस भेज दिया गया है.

CCI ने लगाया था मोटा जुर्माना

2013 में CCI ने कोल इंडिया और उसकी तीन सहायक कंपनियों 'महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड', 'वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड' और 'साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड' को अपने प्रभुत्व का का गलत इस्तेमाल करने के मामले में दोषी पाया था.

CCI ने पाया कि कंपनी ने कंपनी ने ऊंची कीमतों पर खराब क्वालिटी के कोयले की सप्लाई की और कोल सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट में अनुचित और भेदभावपूर्ण शर्तें लगाईं.

CCI ने कोल इंडिया को 'एंटी कंपटीटिव बिहेवियर' बंद करने को कहा था और उस पर 1,773.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. हालांकि प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (Competition Appellate Tribunal) के हस्तक्षेप के बाद जुर्माने की राशि घटाकर 591 करोड़ रुपये कर दी गई थी.

इस फैसले के खिलाफ कोल इंडिया सुप्रीम कोर्ट गई थी, जहां फैसला उसके पक्ष में नहीं गया. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए इस मुद्दे को फिर से CCI को वापस भेज दिया है.

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