शुक्रवार, 13 दिसंबर को ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ CCI की अर्जी पर कोई फैसला नहीं हुआ. अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने देश की अलग-अलग अदालतों में चल रहे मामलो को एक साथ जोड़ने की अर्जी दी है. मगर अब इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार यानी 16 दिसंबर को होगी और उम्मीद है कि इस पर कोई फैसला भी हो जाए.
कोर्ट ने सभी याचिकाओं को कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने के प्रतिरोध पर स्पष्टीकरण भी मांगा है. CCI ने कंपनियों के खिलाफ चल रहे सभी 24 मामलों को सुप्रीम कोर्ट या दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने के मांग की थी. हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने ये तर्क दिया कि जब तक कर्नाटक हाई कोर्ट का मामला खत्म नहीं हो जाता तक तक बाकी मामलों को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर देना चाहिए.
ये मामला क्लाउडटेल इंडिया प्राइवेट, सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट, वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट और अप्पारियो रिटेल प्राइवेट जैसे चुनिंदा ई-टेलर कंपनियों को प्रेफरेंशियल ट्रीटमेंट देने के लिए अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की 2020 की एंटीट्रस्ट जांच से जुड़ा हुआ है.
जांच रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो और सैमसंग ने प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करते हुए इन ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ मिलकर ऑनलाइन प्रोडक्ट लॉन्च करने का आरोप लगाया गया है.
जांच के दौरान CCI के जनरल डायरेक्टर की ओर से की गई अनियमित प्रक्रियाओं की वजह से, ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ CCI के उपायों को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है.