ADVERTISEMENT

जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने के संबंध में IDBI बैंक की अर्जी पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार

IDBI बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के आदेश पर संशोधन की मांग की है.
NDTV Profit हिंदीAshish Bhargava
NDTV Profit हिंदी11:56 AM IST, 05 Sep 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

IDBI बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के आदेश पर संशोधन की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट IDBI की अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गया है और इस बाबत वह सोमवार 11 सितंबर को सुनवाई करेगा.

पढ़ें-दिवालिया होगा जेपी इंफ्राटेक, 32 हज़ार लोगों का टूटा घर का सपना

IDBI बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सोमवार को जो सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, उससे फ्लैट खरीदारों को नही बल्कि जेपी इन्फ्रा को फ़ायदा हुआ है. IDBI बैंक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कल के आदेश के बाद अगर कोई चैन से सोया होगा तो वो जेपी इन्फ्रा होगा.

साथ ही ये भी कहा कि जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक के बाद सारा प्रोजेशन वापस जेपी इन्फ्रा के पास चला गया. IDBI बैंक ने मांग की NCLT के आदेश को बहाल किया जाना चाहिए क्योंकि जेपी इन्फ्रा को टेकओवर कर लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वापस कंपनी जेपी के पास चली गई. 

दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 32,000 फ्लैट खरीददारों को राहत मिली है, जिन्होंने कंपनी की परियोजनाओं में निवेश किया था.

ट्राइब्यूनल की इलाहाबाद बेंच ने 9 अगस्त को ही कंपनी को दिवालिया श्रेणी में डालने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद उन ग्राहकों की चिंताएं बढ़ गई थीं, जिन्होंने निर्माणाधीन फ्लैटों में निवेश किया है और अब तक पजेशन का इंतजार कर रहे हैं.

नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि 8,365 करोड़ रुपये के कर्ज में फंसी कंपनी को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अब 270 दिनों का समय दिया जाएगा. यदि इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति नहीं बदली तो उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी.

इसके बाद ही फ्लैट खरीददारों की चिंताएं बढ़ने लगी थीं. हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खरीददारों की समस्या को हल करने का वादा किया था। कंपनी पर अकेले आईडीबीआई बैंक का ही 4,000 करोड़ रुपये बकाया है.

NDTV Profit हिंदी
लेखकAshish Bhargava
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT