स्विटजरलैंड एक नए कानून का मसौदा तैयार कर रहा है जिसके लागू होने पर देश के बैंक तथा अन्य संस्थान अपने ग्राहकों की ऐसी कोई परिसम्पत्ति जामा नहीं कर सकते जिसका विवरण कर विभाग के समक्ष प्रस्तुत न किया गया हो। इसके तहत बैंकों की विधिवत जांच परख व्यवस्था को और सख्त बनाने की भी बात है।
स्विटजरलैंड पर आरोप लगता रहा है कि वह भारत तथा अन्य देशों के काले धन की पनाहगाह बना हुआ है।
स्विटजरलैंड सरकार में सर्वोच्च निर्णयकारी संस्था स्विटजरलैंड फेडरल काउंसिल ने संघीय वित्त मंत्रालय (एफडीएफ) से कहा है कि वह बैंकों को अपने ग्राहकों से ‘बिना कर लगे धन को स्वीकार करने से रोकने के लिए 2013 के शुरू तक कानून का एक मसौदा पेश करे ताकि उस पर परामर्श हो सके। फेडरल काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक में इस आशय का फैसला किया गया।
स्विटजरलैंड पर इसको लेकर वैश्विक दबाव है कि वह अपने उन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करे जो ग्राहकों की गोपनीयता के नाम पर विदेशी इकाइयों के लिए 'ऐशगाह' के रूप में काम करते हैं।
स्विस बैंक खातों में जमा काला धन भारत में भी हाल ही में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है। फेडरल काउंसिल ने बयान में कहा है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग तथा कराधान के क्षेत्र में दुरुपयोग से निपटने के अपने प्रयासों को तेज कर रही है।