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टाटा पावर सोलर, रिन्यू फोटोवोल्टिक, अवाडा इलेक्ट्रो ने सरकार से चीनी प्रोफेशनल्स के लिए मांगा वीजा

भारतीय सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने चीनी प्रोफेशनल्स के लिए वीजा आवेदनों को मंजूरी देने के लिए सरकार से संपर्क किया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:58 PM IST, 26 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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टाटा पावर सोलर, रिन्यू फोटोवोल्टिक और अवाडा इलेक्ट्रो जैसी भारतीय सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने चीनी इंजीनियरों और टेक्नीशियनों के वीजा की मंजूरी के लिए सरकार से संपर्क किया है. ये कंपनियां देश के रिन्यूएबल एनर्जी टार्गेट को पूरा करने के लिए ऑपरेशन बढ़ा रही हैं.

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि जनवरी से अब तक तीन कंपनियों ने अपने सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन के 36 पेशेवरों को ‘बिजनेस वीजा’ दिलाने के लिए सरकार से सहायता मांगी है.

आवेदन इसी सप्ताह दाखिल किया गया

सूत्रों ने बताया कि टाटा पावर सोलर लिमिटेड ने 2024 में चीनी इंजीनियर के 20 वीजा आवेदनों के लिए मंजूरी मांगी. रिन्यू पावर ने 9 चीनी इंजीनियर के लिए वीजा का अनुरोध किया और अवाडा इलेक्ट्रो ने देशभर में जारी अपनी परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण 7 प्रोफेशनल्स के लिए वीजा आवेदन दिए हैं.

तीनों कंपनियों ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) के पास आवेदन भेजे हैं. ये सरकारी एजेंसी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की निगरानी करती है. SECI ने आवेदनों को मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी को भेज दिया है. उन्होंने बताया कि आखिरी आवेदन इसी सप्ताह दाखिल किया गया है.

3,000 करोड़ रुपये का निवेश

इस संबंध में टाटा पावर सोलर, रिन्यू और अवाडा को भेजे गए ई-मेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. टाटा पावर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में 4GW सोलर सेल और 4GW सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.

रिन्यू गुजरात में अहमदाबाद के पास धोलेरा में सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का निर्माण कर रही है, जबकि अवाडा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में इसी तरह की फैसिलिटी पर काम कर रही है.

हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से और सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत में चीनी कर्मियों के प्रवेश पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों से प्रोजेक्ट्स के तय समयसीमा पर पूरा होने में संदेह है.

भारत चीन पर निर्भर

भारत ने 2030 तक सौर और विंड एनर्जी जैसे रिन्यूएबल सोर्सेज से 500 GW बिजली उत्पादन कैपेसिटी स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. भारत उच्च-स्तरीय उपकरणों तथा टेक्नोलॉजी के लिए चीन से आयात पर बहुत अधिक निर्भर है, जो सोलर पैनल का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक तथा निर्यातक है.

भारतीय मैन्युफैक्चरर्स ने देशभर में सोलर और विंड एनर्जी प्लांट स्थापित करने में अरबों डॉलर का निवेश किया है. विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के साथ बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.. हालांकि, चीनी विशेषज्ञों के बिना समय पर परियोजनाओं को पूरा करने और अनुबंध संबंधी दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ हैं.

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