महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयर 7 फरवरी को 3,198.45 रुपये/ शेयर के हाई लेवल से 18% गिर गए. इसमें इतनी बड़ी गिरावट की एक बड़ी वजह टेस्ला की भारत में एंट्री को दिया जा रहा है. हालांकि हैरानी की बात ये है कि टेस्ला कार की कीमत महिंद्रा की EV की कीमतों से लगभग 60% अधिक हो सकती है.
टेस्ला के मॉडल 3 रियर व्हील ड्राइव वाहन की कीमत अमेरिका में 42,490 डॉलर है. नोमुरा के मुताबिक, माल ढुलाई, आयात ड्यूटी, बीमा की लागत के साथ ये भारत में 55 लाख रुपये से महंगी हो सकती है. इसकी तुलना में महिंद्रा के XEV 9e टॉप वैरिएंट की कीमत 30.9 लाख रुपये है, जिसकी ऑन रोड कीमत संभावित रूप से 33-34 लाख रुपये तक जा सकती है.
अभी टेस्ला का सबसे कम कीमत वाला मॉडल टेस्ला-3 है, जिसकी अमेरिका में कीमत $42490 है. ये विशेष रूप से रियर-व्हील-ड्राइव वर्जन है. इसकी कीमत भारत में लगभग 35 लाख रुपये है. माल ढुलाई लागत और 15% का आयात शुल्क लगाने के बाद इसकी कुल लागत बढ़कर $49,714 या लगभग 43 लाख रुपये एक्स-शोरूम हो जाएगी.
नोमुरा के मुताबिक, 5% पर GST की लागत (इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% शुल्क लिया जाता है, जबकि इंटरनल इंजन वाहनों के लिए 28% शुल्क लिया जाता है) और बीमा की लागत को शामिल करते हुए, कुल ऑन-रोड कीमत 50 लाख रुपये को पार कर सकती है.
फिलहाल M&M इलेक्ट्रिक वाहन के दो मॉडल पेश करता है, BE6 और XEV 9e, जिनमें से XEV 9e की कीमत ज्यादा है. XEV 9e के टॉप एंड वैरिएंट की कीमत 30.9 लाख रुपये होने के बावजूद, 33 लाख रुपये की ऑन-रोड कीमत टेस्ला मॉडल 3 की कीमत से बहुत कम है.
जेफरीज ने M&M पर ‘Buy’ की राय दी है, जिसकी टारगेट वैल्यू 4,075 रुपये/ शेयर है. टेस्ला के भारत में संभावित प्रवेश को लेकर चिंताओं के बीच पिछले 10 दिनों में स्टॉक में 14% की गिरावट देखी गई है, लेकिन निकट भविष्य में टेस्ला से M&M पर सीमित प्रभाव की उम्मीद है.
इस सेक्टर में सिटी की पहली पसंद मारुति, उसके बाद M&M फिर हुंडई इंडिया है.
कुल मिलाकर, M&M के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुकिंग की संख्या मजबूत है. वर्तमान में, कंपनी की प्रोडक्शन क्षमता 5,000 वाहन प्रति माह है. इसका मतलब है कि पहले दिन ही 30,000 वाहनों की मौजूदा ऑर्डर बुक इसे छह महीने की ऑर्डर बुक देती है. नोमुरा के मुताबिक, M&M को आगे भी ऑर्डर मिलना जारी रहेगा. BE6 और XEV 9e दोनों के शीर्ष वेरिएंट की डिलीवरी मार्च के मध्य से शुरू होगी और सभी मॉडल अगस्त 2025 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है.