वित्त मंत्रालय बजट को अंतिम रूप देने में लगा है. उधर नोटबंदी की मार झेल चुके छोटे और मझोले उद्योगों और निर्यातकों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस साल के बजट में उनके लिए राहत का एलान करेंगे.
गार्मेंट एक्सपोर्टर और अंबुजा एक्सेसरीज़ के सीईओ, अक्षय करण बेसब्री से बजट का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्होंने कहा- नोटबंदी ने बिज़नेस करना मुश्किल कर दिया. अब वित्त मंत्री से राहत का इंतज़ार है. वह कहते हैं सरकार ड्यूटी ड्रॉबैक में बढ़ोतरी पर विचार करे. अक्षय ने कहा- कपड़ा निर्यातकों को राहत की ज़रूरत है. वित्त मंत्री को इसे बढ़ाने का विचार करना चाहिये. अभी टेक्सटाइल के अलग-अलग सेगमैंट में यह 5 से 8.5% है. इसे बढ़ाकर 8% से 13% करना ज़रूरी है.
दरअसल कपड़ा उद्योग पर अब भी नोटबंदी का असर है, विशेषकर कैश की सप्लाई पर लगे सीमित प्रतिबंध को लेकर. अब उद्योग जगत की मांग है कि नोटबंदी के दौरान कैश निकालने पर जो सीमा लगायी गई है, उसे बढ़ाया जाए. वित्त मंत्री बजट में जीएसटी लागू करने को लेकर आश्वासन दें, ऐसी भी मांग की जा रही है.
इधर बजट की तैयारी में जुटे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी से सरकार को ज़्यादा कमाई की उम्मीद है. विशाखापट्टनम में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी के मिले-जुले असर से केन्द्र और राज्य सरकारों की कमाई बढ़ेगी और संगठित अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा. बजट के ठीक पहले वित्त मंत्री का ये बयान अहम है. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनका बजट नोटबंदी की मार खाने वाले उद्योगों के लिए कौन सा मरहम लेकर आता है.