ADVERTISEMENT

1 अप्रैल 2018 से पूरे देश में लागू हो रहे हैं इनकम टैक्स के ये नए नियम

एक अप्रैल से सरकारी कागजों के लिए नया साल होता शुरू होता है और इसी तारीख से 2018-19 वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है, और जिस तरह से आम बजट की घोषणा में कई सारे बदलाव देखने को मिले, वे सभी इसी एक अप्रैल से लागू होंगे. इस तरह से देखा जाए तो आम लोगों की जिंदगी में भले ही कोई बदलाव हो या न हो, मगर इसके असर तो जरूर होंगे. इसलिए इस वित्तीय वर्ष में कई सारे नियम बदल रहे हैं तो इसकी जानकारी होना हम सबके लिए काफी अहम है. इन महत्वपूर्ण बदलावों में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स, स्टैंडर्ड डिडक्शन और इनकम टैक्स पर अधिक सेस आदि शामिल हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTVKhabar News Desk
NDTV Profit हिंदी08:14 PM IST, 30 Mar 2018NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

एक अप्रैल से सरकारी कागजों के लिए नया साल होता शुरू होता है और इसी तारीख से 2018-19 वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है, और जिस तरह से आम बजट की घोषणा में कई सारे बदलाव देखने को मिले, वे सभी इसी एक अप्रैल से लागू होंगे. इस तरह से देखा जाए तो आम लोगों की जिंदगी में भले ही कोई बदलाव हो या न हो, मगर इसके असर तो जरूर होंगे. इसलिए इस वित्तीय वर्ष में कई सारे नियम बदल रहे हैं तो इसकी जानकारी होना हम सबके लिए काफी अहम है. इन महत्वपूर्ण बदलावों में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स, स्टैंडर्ड डिडक्शन और इनकम टैक्स पर अधिक सेस आदि शामिल हैं.

निवेश
अभी तक भले ही लॉन्ग टर्म निवेस पर टैक्स नहीं था, मगर अब एक साल से अधिक के निवेश में मुनाफे पर 10 फीसदी का टैक्स और 4 फीसदी सेस लगेगा. अगर एक साल में कैपिटल गेन एक लाख रुपये तक है तो फिर आप टैक्स से बच जाएंगे. 

ब्याज
ब्याज में सरकार ने इस बार राहत दी है. अब 50 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री होगा. वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा पर 50 हजार रुपये तक ब्याज टैक्स फ्री होगा. बता दें कि अभी तक 10 हजार रुपये तक का ही ब्याज टैक्स फ्री था. 

मेडिकल री-इंबर्समेंट की सेवा होगी समाप्त
इस वित्तीय वर्श से मेडिकल री-इंबर्समेंट की सुविधा खत्म हो जाएगी. वेतनधारियों और पेंशनधारियों को 40,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा. मगर 15,000 रुपए मेडिकल री-इम्बर्समेंट और 19,200 रुपए ट्रांसपोर्ट अलाउंस की सुविधा अब नहीं मिलेगी. 

बीमा
इस साल से बीमा पॉलिसी में भी बदलाव देखने को मिलेंगे. सिंगल प्रीमियम वाली पॉलिसी अगर एक से से अधिक समय से लिए है तो हर साल समान अनुपात में प्रीमियम पर आपको छूट मिल सकती है. हालांकि, अभी छूट का लाभ उठाने की सीमा 25 हजार है. 

इनकम टैक्स पर सेस अधिक
इस साल से इनकम टैक्स पर सेस अधिक लगेगा. इनकम टैक्स पर 3 फीसदी के बदले अब 4 फीसदी हेल्थ और एजुकेशन सेस लगेगा. 

ई-वे बिल
इस साल से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल लाने और ले जाने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा. मगर इसका शर्त है कि अगर गाड़ी में रखे माल की कीमत 50 हजार रुपये से कम है तो इस बिल की जरूरत नहीं होगी. साथ ही जिन वस्तुओं पर टैक्स नहीं लगता है, वह भी इसमें नहीं जुड़ेगी. 

NPS निकासी पर इनकम टैक्स का लाभ
सरकार ने नैशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस में जमा रकम निकालने पर टैक्स छूट का लाभ अब उन लोगों के लिए भी देने का प्रस्ताव किया है जो सेल्फ एम्प्लॉई हैं. सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को एनपीएस से पैसे निकालने पर 40% हिस्से पर टैक्स नहीं लगेगा. अभी तक यह सुविधा वेतनभोगियों के लिए थी. 

एसबीआई में कम बैंलेंस पर कम चार्ज
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को राहत दी और बैंक अकाउंट में औसर मासिक बैलेंस न होने पर लगने वाले चार्ज को कम कर दिया है. ये नियम भी 1 अप्रैल से ही लागू हो रहे हैं. 

इलाज के खर्च पर टैक्स 
इलाज के खर्च पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ा दी गई है. पहले यह 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति के लिए 60 हजार थी और 80 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति के लिए 80 हजार थी, मगर अब सबके लिए एक लाख रुपये हो गई है. 

VIDEO: बजट में मध्यम वर्ग को मायूसी ?

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT