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गो फर्स्ट के लिए फिर जागी उम्मीदें! दो बिडर्स, स्पाइसजेट ने अंतिम पलों में दिखाई दिलचस्पी

पिछले महीने, गो फर्स्ट के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने एयरलाइन के लिए योग्य बिडर्स की कमी की वजह से बिडिंग बंद कर दी थी.
NDTV Profit हिंदीविश्वनाथ नायर
NDTV Profit हिंदी12:23 PM IST, 18 Dec 2023NDTV Profit हिंदी
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मुश्किलों से गुजर रही गो फर्स्ट के लिए नई उम्मीद दिखाई दी है, लिक्विडेशन में जाने से ठीक पहले एयरलाइन के लिए दो बिडर्स ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है. ये जानकारी मामले पर नजर रखने वाले दो लोगों ने दी है.

गो फर्स्ट के लिए आखिरी मौका!

अफ्रीका की सफरीक (Safrik) और शारजाह की एविएशन कंपनी स्काई वन (Sky One) ने इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया से गुजर रही गो फर्स्ट के लिए संयुक्त रूप से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) दिया है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर ये बताया है. इन्होंने बताया कि स्पाइसजेट ने भी अलग से एयरलाइन में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.

स्काई वन खुद को "एविएशन एक्सपर्ट" बताता है, जो कि कार्गो चार्टर, एसेट ट्रेडिंग, चालक दल प्रशिक्षण, संचालन और रखरखाव सहित कई तरह की सर्विसेज देता है. जबकि सफरीक बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी इनोवेशन में निवेश करता है और अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और अमेरिका में विलय और अधिग्रहण को फाइनेंस करता है.

स्पाइसजेट ने हाल ही में इक्विटी शेयरों के प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए 2,250 करोड़ रुपये फंड जुटाने को मंजूरी दी है. एयरलाइन ने सितंबर तिमाही में 431 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो एक साल पहले दर्ज किए गए 838 करोड़ रुपये के घाटे से कम है. एयरलाइन इस समय पैसों की तंगी से जूझ रही है और उसने लेसर्स और दूसरे वेंडर्स का पेमेंट टाल दिया है.

रेजोल्यूशन प्रोफेशनल शैलेन्द्र अजमेरा, सफरीक, स्काई वन और स्पाइसजेट को ई-मेल किए गए सवालों का जवाब अबतक नहीं मिला है.

पिछले महीने बिडिंग बंद हुई थी

पिछले महीने, गो फर्स्ट के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने एयरलाइन के लिए योग्य बिडर्स की कमी की वजह से बिडिंग बंद कर दी थी. जिंदल ग्रुप ने शुरुआत में एयरलाइन में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन अब वो पीछे हट गया. मामले की जानकारी रखने वाले इन लोगों ने बताया कि नए EoI मिलने से पहले ही प्रक्रिया लिक्विडेशन की तरफ बढ़ चुकी थी.

इन लोगों ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा की अगुवाई में क्रेडिटर्स अगले कदम पर फैसला लेने के लिए इकट्ठा होंगे. लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के पास गो फर्स्ट के खिलाफ 4,254 करोड़ रुपये के दावे हैं. गो फर्स्ट के खिलाफ जून में इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू हुई थी.

अलग से, लेनदारों को मुकदमेबाजी को फाइनेंस करने के लिए अंतरराष्ट्रीय फंड्स से संपर्क करने पर फैसला लेना होगा. मामले की जानकारी रखने वाले इन लोगों के मुताबिक अगर एयरलाइन लिक्विडेशन में गई, तो लेनदारों को इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के खिलाफ मुकदमेबाजी जारी रखने के लिए बाहस से फाइनेंस की जरूरत होगी.

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