अल्ट्राटेक सीमेंट (Ultratech Cement Ltd.) को छत्तीसगढ़ सरकार से 21.13 करोड़ रुपये का डिमांड ऑर्डर मिला है.
बलौदाबाजार खनन विभाग के कलेक्टर की ओर से ये डिमांड ऑर्डर जारी किया गया है क्योंकि, कंपनी माइन डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन एग्रीमेंट (MDPA) में शामिल न्यूनतम उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रही है.
सीमेंट का उत्पादन करने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी को MDPA में लिखे गए उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करना जरूरी है. हालांकि इन लक्ष्यों को पूरा करने में अल्ट्राटेक चूक गई, जिसकी वजह से डिमांड ऑर्डर जारी किया गया है. ये ऑर्डर बलौदाबाजार जिले में सीमेंट निर्माण के लिए एक बहुत जरूरी कच्चे माल चूना पत्थर (लाइमस्टोन) के अपर्याप्त उत्पादन से जुड़ा हुआ है.
अल्ट्राटेक सीमेंट की इस क्षेत्र में काफी मजबूत पकड़ है, पूर्व में कंपनी की सीमेंट बाजार में हिस्सेदारी 18% है. बलौदाबाजार जिला, जहां से डिमांड ऑर्डर भेजा गया है, यहां पर बड़ी मात्रा में चूना पत्थर का भंडार है और कई सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर खदान मौजूद हैं.
अल्ट्राटेक सीमेंट जिले में दो ग्रे-सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज चलाती है, जिनके नाम हैं रावन सीमेंट वर्क्स और हिरमी सीमेंट वर्क्स, दोनों लाइम स्टोन यूनिट्स से लैस हैं.
वित्त वर्ष 2013 में अपनी रावन-झाइपन लाइम स्टोन माइन को फाइव स्टार रेटिंग हासिल करने के बावजूद, अल्ट्राटेक को लाइम स्टोन उत्पादन में कमी के कारण परिचालन दक्षता (operational efficiency) से जुड़ी चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है.
लाइम स्टोन के उत्पादन में कमी क्यों आई? इसकी वजह उपकरणों में आई खराबी या या रखरखाव की जरूरतों आवश्यकताएं जैसे तकनीकी मुद्दे शामिल हो सकते हैं, या ये खदानों में संसाधन की कमी का संकेत दे सकता है. ये कमी न केवल सीमेंट उत्पादन को प्रभावित करती है, बल्कि डिमांड-सप्लाई की उठापटक की वजह से क्षेत्र में कीमतें बढ़ा सकती है.