वेदांता (Vedanta) अपने अलग-अलग बिजनेस के डीमर्जर (Demerger) को अधिक से अधिक एक साल में पूरा कर लेगी. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा होने में नौ से 12 महीनों का समय लगने की उम्मीद है. अनिल अग्रवाल (Anil Aggarwal) के मालिकाना हक वाली कंपनी ने पिछले साल अपने मेटल, पावर, एल्युमिनियम, ऑयल और गैस बिजनेस के डीमर्जर के जरिए स्वतंत्र वर्टिकल बनाने का ऐलान किया था. इन कंपनियों की लिस्टिंग भी की जाएगी.
वेदांता के CEO जॉन स्लेवन ने कहा कि हम एल्युमिनियम बिजनेस के सफल डीमर्जर की ओर काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि डीमर्जर की प्रक्रिया जारी है और इसे अभी अलग-अलग अथॉरिटीज और रेगुलेटर्स से मंजूरी लेनी होगी.
स्लेवन ने कहा कि हमें अलग होने वाली इकाइयों को कर्ज के आवंटन को लेकर हमारे मौजूदा नेतृत्व से भी मंजूरी की जरूरत है. वो अभी किया जा रहा है. ये सीधे हमारे हाथ में नहीं है लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि अगले 9 से 12 महीनों में डिमर्जर पूरा हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि ये कदम वेदांता के एल्युमिनियम बिजनेस के विकास के लिए अहम होगा. मेरा मानना है कि इससे कंपनी के निवेशकों और वेदांता रिसोर्सेज को एल्युमिनियम बिजनेस के अवसरों और क्षमता की बेहतर समझ हो सकेगी.
स्लेवन ने आगे कहा कि हमारे पास समर्पित मैनेजमेंट टीम, समर्पित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होंगे जो निवेशकों से इनपुट लेकर अपनी खुद की रणनीति तैयार करेंगे.
2024-25 के लिए क्षमता बढ़ाने की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि कंपनी के कारोबार में बड़ा बदलाव होगा क्योंकि लांजीगढ़ में रिफाइनरी के विस्तार का काम अगले वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा हो जाएगा.