वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) आने वाले दिनों में अपनी कंपनियों की अलग-अलग लिस्टिंग पर विचार कर रहा है. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने खुद संदेश जारी कर ऐसे संकेत दिए हैं. अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि अब कंपनी अपने अलग-अलग कारोबारों की अलग अलग लिस्टिंग के बारे में सोच रही है.
उन्होंने कहा कि वो इस मामले में सलाहकारों से विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद कंपनी सभी कारोबार या कुछ कारोबारों की अलग लिस्टिंग कराएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की बात करते हुए अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण देश को विकसित राष्ट्र, मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना और प्रति व्यक्ति आय को $2,000 से $5,000 तक पहुंचाना है.'
उन्होंने कहा, 'वेदांता पिछले 2 दशकों में ऐसे कारोबार में उतर गई है, जो अधिक से अधिक इंपोर्ट का विकल्प बनता जा रहा है. हमारे पास तेल और गैस का कारोबार है. हम एल्यूमिनियम के सबसे बड़े उत्पादक हैं. कंपनी के पास इंटीग्रेटेड पावर, तांबा, जस्ता, चांदी, सीसा, लोहा और इस्पात, निकल, सेमीकंडक्टर डिस्प्ले ग्लास और भी काफी कुछ है.'
अनिल अग्रवाल ने कहा, 'ऐसी परिस्थिति में जब पूरी दुनिया भारत में निवेश करना चाह रही है, मुझे बताया गया है कि निवेशकों को 'प्योर प्ले' पसंद है, ऐसे में हमारा सारा कारोबार कई गुना बढ़ सकता है. मैंने अपने लोगों और सलाहकारों से पूछा है कि क्या हमारे सभी प्रोडक्ट या कुछ प्रोडक्ट स्वतंत्र हो सकते हैं.'
कंपनी के शेयर होल्डर्स को संबोधित मैसेज में वेदांता के चेयरमैन ने कहा, 'अलग अलग कारोबार की लिस्टिंग का मतलब है कि आपके पास अगर वेदांता का एक शेयर है तो आगे आपको कई अन्य कंपनियों के शेयर मिल सकेंगे.'
उन्होंने ये भी कहा कि निवेशकों के पास अलग अलग क्षेत्रों में निवेश के भी अवसर मौजूद रहेंगे. साथ ही कुछ विदेशी कंपनियां जो किसी खास सेक्टर में निवेश करना चाहती हैं, अलग लिस्टिंग के बाद उनके लिए निवेश के मौके खुलेंगे.'