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वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत, स्‍पेक्‍ट्रम बकाया के बदले सरकार बढ़ाएगी हिस्‍सेदारी; ऑपरेशनल कंट्रोल प्रोमोटर्स के ही पास रहेगा

वोडाफोन आइडिया को 30 दिनों की रेगुलेटरी मंजूरी के अंदर 10 रुपये/ शेयर की फेस वैल्यू पर 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करने का निर्देश दिया गया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:07 PM IST, 31 Mar 2025NDTV Profit हिंदी
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केंद्र सरकार ने वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को बड़ी राहत दी है. सरकार ने कर्ज के बोझ में दबी टेलीकॉम कंपनी (Telecom Company) में और हिस्सेदारी लेने की सहमति जताई है. NDTV Profit की रिपोर्ट में इस बात की सबसे पहले जानकारी दी गई थी.

रविवार को की गई एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक वोडाफोन आइडिया को 30 दिनों की रेगुलेटरी मंजूरी के अंदर 10 रुपये/ शेयर की फेस वैल्यू पर 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करने काे कहा गया है. इक्विटी शेयरों में बदली जाने वाली कुल राशि 36,950 करोड़ रुपये है.

कितनी हो जाएगी सरकार की हिस्सेदारी?

एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक इन इक्विटी शेयरों को इश्यू करने के बाद भारत सरकार की कंपनी में शेयरहोल्डिंग मौजूदा 22.60% से बढ़कर करीब 48.99% पर पहुंच जाएगी. प्रोमोटर्स के पास कंपनी का ऑपरेशनल नियंत्रण रहेगा.

इस कदम से वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि आने वाले हफ्तों में उसे स्पेक्ट्रम बकाया के बदले 13,089 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करना था. इससे पहले कंपनी ने कहा था कि वो बकाया चुकाने की स्थिति में नहीं है. इस कन्वर्जन के साथ Vi के पास कोई स्पेक्ट्रम से जुड़ाया बकाया नहीं है.

पहली लाइफलाइन

सरकार ने सबसे पहले फरवरी 2023 में वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी खरीदी थी, जब कंपनी ने 16,133 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर जारी किए थे, जो 33.44% के बराबर थे. इससे केंद्र सरकार कंपनी में सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई थी.

अप्रैल 2023 में वोडाफोन आइडिया के 18,000 करोड़ रुपये के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर के कारण सरकार की हिस्सेदारी गिर गई थी.

जुलाई 2024 में वोडाफोन-आइडिया ने AGR बकाया मामले पर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका लिस्ट करने की मांग की थी. हालांकि, सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वोडाफोन-आइडिया की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे कंपनी को गहरा झटका लगा था.

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