Warren Buffett के निवेश का दीवाना कौन नहीं है. जो शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं वो इन्वेस्टर वॉरेन बफे को फॉलो जरूर करते हैं. वारेन बफेट ने कंपनी बर्कशायर को 1.6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी बना दिया और अपने शानदार इन्वेस्टमेंट प्लानिंग और हाजिर जवाबी से खुद को एक अरबपति सेलिब्रिटी बनाया. अब ग्रुप के शीर्ष पर 6 दशक तक रहने वाले वॉरेन बफे इस साल के आखिर में अपना पद छोड़ देंगे.
94 साल के बफे ने शनिवार को कंपनी की एनुअल शेयर होल्डर मीटिंग में कहा कि, 'अब ग्रेग एबल बोर्ड की मंजूरी के बाद ग्रुप की जिम्मेदारी संभालेंगे. साथ में ये भी बताया कि बोर्ड रविवार को मीटिंग करने का प्लान बना रहा है. आपको बता दें कि इस ऐलान के बाद से ही पूरा बोर्ड हैरान हो गया साथ में ग्रेग एबल भी जो लंबे समय से वॉरेन बफे के उत्तराधिकारी माने जा रहे थे. उन्हें भी इस बात का नहीं पता था कि इस बैठक में ये खबर आने वाली है.
आपको बता दें कि वॉरेन बफे को साथी CEO और कुछ अध्यक्षों का समर्थन प्राप्त है. उनके निवेश की सफलता 1965 और 2024 के बीच बर्कशायर स्टॉक में 20% कंपाउंड एनुअल की दर से मुनाफा हुआ. वहीं जब हालात सही नहीं थे तब Goldman Sachs Group और General Electric कंपनी के साथ कमाल के डील्स से उनकी मदद की.
वॉरेन बफे ने अपने जीवन की शुरुआती समय पर ही पैसे का मैनेजमेंट करना शुरू कर दिया था. वे बेंजामिन ग्राहम की निवेश शैली के फैन थे. जब उनकी बफे पार्टनरशिप लिमिटेड ने बर्कशायर के शेयर खरीदे तो कॉरपोरेट जगत में वो और आगे उभर कर आए. 1965 में उन्होंने बाकी कारोबार को भी अपने साथ जोड़ लिया, और बफे की आधुनिक समय में विशाल कंपनी की एक नींव रखी गई. धीरे-धीरे उन्होंने बीमा क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाए. बीमा क्षेत्र में उन्होंने कई बिजनेस को शुरू किया. जिससे उनकी इन्वेस्टमेंट प्लानिंग को नया आयाम मिला.
आपको बताते चलें कि इस समय बर्कशायर के पास रेल रोड, BNSF से लेकर ऑटो कंपनी Dairy Queen and See’s Candies जैसे बिजनेस शामिल हैं. बफे ने एक स्टॉक पोर्टफोलियो भी बनाया, जिसमें एप्पल और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी बड़ी कंपनियों पर दांव लगाया गया था. साथ में बर्कशायर हैथवे को वो एक मौका मिला, जिससे वो उनकी प्रॉफिट में अपना हिस्सा ले सकती थी.
जब बफे 2009 में BNSF को 25 मिलियन डॉलर में खरीदने के लिए सहमत हुए तो उन्होंने इस डील को USA के फाइनेंशियल फ्यूचर के लिए एक 'all-in wager' बताया था. इस अरबपति ने अमेरिकी इकोनॉमी की संभावनाओं का बखान करने का शायद ही कभी कोई मौका गंवाया हो. साल 2015 के एनुअल लेटर में उन्होंने लिखा कि 'ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन ने ही इस देश को महान बनाया है. उनके जीवन काल में देश का आर्थिक प्रोडक्शन प्रति व्यक्ति 6 गुना बढ़ गया था.' अब 62 साल के एबल जो लंबे समय से बफेट की डिप्टी हैं, एक अच्छे बिजनेस की कमान संभालने के लिए तैयार हैं.
कोविड के समय बफे हाई वैल्यूएशन की वजह से डील मेकिंग के मोर्चे पर फंस गए थे. जिससे उनके पास बहुत ज्यादा नगदी बची थी. और पैसे को इन्वेस्ट करने के कोई ज्यादा मौके नहीं मिल रहे थे, ऐसे समय में बफे ने पूंजी लगाने के लिए शेयर बाय बैक का सहारा लिया. हालांकि उन्होंने साल 2022 में अलग हनी कोप का 11.6 बिलियन डॉलर में अधिकरण करके इस सोच को तोड़ दिया था.
चार्ली मुंगेर ने एक वार्षिक लेटर में कहा बफे उसी तरह सफल हुए जिस तरीके से रोजर फेडरल टेनिस में अच्छे बने. एप्पल और बैंक ऑफ अमेरिका में अपने हिस्सेदारी कम की तो बर्कशायर हैथवे का कैश फ्लो बढ़ता ही गया. जो 31 मार्च तक 347.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. हालांकि माना कि उन्होंने गलत कदम भी उठाए, जिसमें से एक था एयरोस्पेस निर्माता Precision Castparts के लिए बहुत अधिक पैसा खर्च करना. ये एक ऐसा सौदा था जिसने 2020 में 10 बिलियन डॉलर की कॉस्ट पर मजबूर कर दिया. हालांकि उन्होंने इसके बाद एप्पल के शेयरों में जबरदस्त खरीददारी की.
बफेट के लॉन्ग टर्म रिकॉर्ड ने सालों से उनको फैंस को अपनी ओर खींचा है. वह बाजार से लेकर क्रिप्टोकरंसी और यहां तक की अपने जीवन और सफलता के हर विषयों पर सभी को राय देते हैं. बफेट ने साल 2018 में वेल्स फार्गो एंड कंपनी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा की रसोई में कभी भी सिर्फ एक कॉकरोच नहीं होता. ये सवाल तब उठाए गए थे जब बर्कशायर में लंबे समय से वेल्स फार्गो एंड कंपनी निवेश कर रही थी. इसी ईमानदारी की वजह से बफे के फैंस उनको चाहने लगे थे. बर्कशायर में उनका मैनेजमेंट बहुत ही सिंपल था. मैनेजमेंट को पूरी छूट थी कि बर्कशायर के अलग-अलग बिजनसन को अपनी इच्छा के अनुसार चलाया जाए. साथ ही समय-समय पर पूरे बिजनेस की जांच भी की जाए.