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Go First के कर्मचारियों का क्या होगा? जानिए CEO कौशिक खोना का जवाब

CEO ने कर्मचारियों से कहा कि बार-बार इंजनों की खराबी के चलते एयरलाइन 'अपंग' हो गई है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:17 PM IST, 03 May 2023NDTV Profit हिंदी
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दिवालिया होने की कगार पर खड़ी एयरलाइन Go First की खबर ने एविएशन इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है. साथ ही अब सवाल उठने लगा है कि गो फर्स्ट के कर्मचारियों का क्या होगा, क्या उनकी नौकरी सुरक्षित है. इस पर एयरलाइन के CEO कौशिक खोना ने जवाब दिया है.

वाडिया ग्रुप की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट के CEO कौशिक खोना (Kaushik Khona) ने कर्मचारियों से कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के खराब इंजनों के चलते कंपनी के विमान डंप हो रहे हैं. हम इस बुरी परिस्थिति से निकलने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.

गो फर्स्ट ने NCLT में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लीकेशन दिया है, जिस पर कल यानी गुरुवार को सुनवाई होगी. बता दें कि इस बीच गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 3 से 5 मई तक की अपनी सभी उड़ाने रद्द कर दी है.

रेवेन्यू जेनरेट नहीं कर पा रही कंपनी

CEO कौशिक खोना ने कर्मचारियों से कहा कि बार-बार प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के इंजनों की खराबी के चलते एयरलाइन 'अपंग' हो गई है. खराब इंजनों के चलते विमानों का बेड़ा कम हो गया है. ऐसे में बैंकों और कर्जदाताओं (Lessors) के लिए कंपनी, रेवेन्यू जेनरेट नहीं कर पा रही है.

हर संभव कोशिश कर रहे

एयरलाइंस कंपनी के CEO ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि हम सभी कर्मियों के प्रति चिंतित हैं और सिचुएशन को ​नेविगेट करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की चिंताओं को देखते हुए हम बहुत सावधानी बरत रहे हैं.

आंकड़ों में गो फर्स्ट के हालात

  • Go First की शुरुआत 17 साल पहले यात्रियों को 'कम किराये में हवाई सफर' कराने के उद्देश्य से की गई थी. 2022 में एयरलाइन की बाजार में हिस्सेदारी 8.8% थी.

  • गो फर्स्ट का अनुमान है कि उसे 10,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें रेवेन्यू और अतिरिक्त खर्च शामिल हैं.

  • कारण कि उसे 100% ऑपरेशनल कॉस्ट वहन करना पड़ा, जबकि उसके बेड़े के 50% विमान ग्राउंडेड थे. उन 50% विमानों से कमाई तो हुई नहीं, उल्टे उनका खर्च वहन करना पड़ा.

  • एयरलाइन ने पिछले 2 वर्षों में कर्जदाताओं को 5,657 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिसमें से 1,600 करोड़ रुपये का भुगतान डंप पड़े विमानों के लीज रेंट के लिए किया गया था.

  • गो फर्स्ट ने मुआवजे के लिए प्रैट एंड व्हिटनी से 8,000 करोड़ रुपये मांगे हैं. एयरलाइंस के अनुसार, US बेस्ड कंपनी के खराब इंजन के चलते ही कंपनी ऐसे फाइनेंशियल कंडीशन में पहुंची है.

भरोसे पर खरा नहीं उतरी प्रैट एंड व्हिटनी

इससे पहले एयरलाइन कंपनी ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, 'प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के खराब इंजनों की तादाद, दिसंबर 2019 के 7% और दिसंबर 2020 के 31% के मुकाबले दिसंबर 2022 में 50% पर पहुंच गई है. ये सब तब, जब बीते वर्षों में प्रैट एंड व्हिटनी ने कई बार हमें भरोसा दिलाया, लेकिन हर बार वो उन पर नाकाम उतरे.'

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