राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने केरल में तिरुवनंतपुरम के पास अडाणी समूह द्वारा विकसित किए जा रहे विझिंजम अंतरराष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह को मिली पर्यावरण मंजूरी को रद्द करने से आज मना कर दिया.
एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार और जस्टिस आरएस राठौड़ की पीठ ने सात सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो इस परियोजना में तटीय विनियमित क्षेत्र और पर्यावरण संबंधी शर्तों के अनुपालन की स्थिति की निगरानी करेगा.
हरित पंचाट ने इस परियोजना को दी गई पर्यावरण मंजूरी को रद्द करने के लिए दायर याचिका को निरस्त करते हुए अडाणी समूह को निर्देश दिया कि स्थानीय मछुआरों के कल्याण के लिए वह बंदरगाह पर मछुआरों के घाटों को बनाए रखे.
अधिकरण ने यह आदेश तिरुवनंतपुरम के पर्यावरण कार्यकर्ता जे. विलफ्रेड और वी. मार्यदासन की याचिका पर दिया. इस याचिका में विंझिजम तट समेत देशभर के तटीय क्षेत्रों के लिए उसे दिशानिर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि ऐसे क्षेत्रों की रक्षा की जा सके और उन्हें नुकसान से बचाया जा सके.
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