कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष हैं, इसे देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में होने वाली घटबढ रोक दी है. यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके दाम में दो डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोत्तरी के बावजूद स्थानीय खुदरा दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए उत्पाद शुल्क में किसी भी तरह की कटौती करने से मना कर दिया है. ईंधन के दाम इस समय 55 महीने के उच्च स्तर पर चल रहे हैं.
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पेट्रोल 74.63 रुपये प्रति लीटर और डीजल 65.93 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुका है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने 24 अप्रैल से इनके दाम में बदलाव नहीं किया है. कंपनियों द्वारा रोजाना कीमतों में बदलाव के लिए जारी की जाने वाली अधिसूचना के हिसाब से 24 अप्रैल से ईंधन के दाम स्थिर बने हुए हैं.
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इस बारे में तेल कंपनियों के अधिकारियों ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें इस मसले पर बोलने से मना किया गया है. सूत्रों के अनुसार 24 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम 78.84 डॉलर प्रति बैरल थे जिसके चलते स्थानीय बाजार में इसकी कीमत 74.63 रुपये प्रति लीटर हो गई. लेकिन अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमत 80.56 डॉलर प्रति बैरल है , फिर भी स्थानीय बाजार में इसकी कीमत पिछले स्तर पर ही स्थिर बनी हुई है.
इसी प्रकार डीजल की अंतरराष्ट्रीय कीमत भी 84.68 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 86.35 डॉलर प्रति बैरल हो गई है , लेकिन उसके दाम में भी बदलाव नहीं किया गया है. वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ईंधन की कीमतों का मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है. यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वह कैसे इसकी कीमत तय करेंगी. उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं. (भाषा की खबर)