मुंबई में ओला (Ola) और उबर (Uber) कैब ड्राइवरों की हड़ताल (Strike) 18 जुलाई को चौथे दिन भी जारी रही, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर यात्री खास तौर पर फंसे हुए हैं. ये हड़ताल अब पुणे और नागपुर तक फैल चुकी है, जिससे महाराष्ट्र में परिवहन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.
ड्राइवरों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया है. महाराष्ट्र कामगार सभा के अध्यक्ष केशव नाना क्षीरसागर ने इंस्टाग्राम पर बताया कि आज सुबह 10 बजे दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में धरना होगा.
ड्राइवरों की मुख्य मांगें हैं, किराए का तर्कसंगत नियमन हो, मीटर्ड टैक्सी के साथ किराए में समानता, बाइक टैक्सी पर रोक लगे, कैब और ऑटो परमिट की सीमा तय हो, ड्राइवरों के लिए वेलफेयर बोर्ड की स्थापना और महाराष्ट्र गिग वर्कर्स एक्ट का लागू हो.
हड़ताल के कारण मुंबई में कई यात्रियों को कैब से उतरने के लिए मजबूर किया गया. NDTV प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ मामलों में ड्राइवरों को धमकी देकर यात्रियों को उतारने के लिए भी कहा गया. सोशल मीडिया पर कैब बुकिंग में देरी, कैंसिलेशन और जबरन उतारने की शिकायतों की बाढ़ आ गई है. मुंबई हवाई अड्डा प्राधिकरण ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा से पहले ट्रांसपोर्ट विकल्पों को चेक कर लें.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने गुरुवार को लोगों से ऑटो, टैक्सी, ओला, उबर जैसी सेवाओं से संबंधित शिकायत, टोल-फ्री नंबर '1800220110' पर दर्ज करने की अपील की है. मंगलवार को उन्होंने विधान सभा में कैब ड्राइवर यूनियन से मुलाकात की और 15 दिनों में समाधान का वादा किया.
केशव क्षीरसागर ने दावा किया कि महाराष्ट्र में ओला, उबर और रैपिडो जैसे प्लेटफॉर्म गैरकानूनी रूप से चल रहे हैं और इन पर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लग चुका है. उन्होंने ड्राइवरों से कहा कि अगर पुलिस जानकारी मांगे, तो वे उनके पत्र को दिखाएं.
ड्राइवरों का कहना है कि कैब एग्रीगेटर्स के कम किराए और बढ़ते कमीशन से उनकी आजीविका पर असर पड़ रहा है. बाइक टैक्सी और बिना नियमन के परमिट जारी होने की वजह से उनकी कमाई पर और असर पड़ रहा है.
हड़ताल के चलते मुंबई, पुणे और नागपुर में परिवहन सेवाएं ठप्प पड़ी हैं, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक साधनों पर निर्भर होना पड़ रहा है.