पेट्रोल की कीमतें रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकाल में सर्वोच्च स्तर 74.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल की दरें सर्वकालिक उच्च स्तर 65.65 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयीं. इससे उपभोक्ताओं के ऊपर पड़ रहे दबाव को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग तेज हो गयी है.
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सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां पिछले साल जून से रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतें संशोधित कर रही हैं. आज जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमतें 19-19 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गयी हैं.
अधिसूचना में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने से घरेलू बाजार में भी वृद्धि करनी पड़ी है. इससे पहले कल भी पेट्रोल की कीमतें 13 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल की कीमतें 15 पैसे प्रति लीटर बढ़ायी गयी थीं.
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दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 74.40 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयी है जो 14 सितंबर 2013 के बाद का उच्च स्तर पर है. तब पेट्रोल 76.06 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था. दक्षिण एशियाई देशों में भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें सर्वाधिक हैं. देश में विपणन दरों में लगभग आधी हिस्सेदारी करों की है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोत्तरी की. उत्पाद शुल्क में महज एक बार पिछले साल अक्तूबर में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी.