भारत में वजन घटाने के लिए पहली दवा Mounjaro लॉन्च कर दी गई है. इस दवा को अमेरिकी फार्मा कंपनी Eli Lilly ने भारतीय बाजार में पेश किया है.
Mounjaro का वैज्ञानिक नाम Tirzepatide है और इसे वजन घटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही टाइप-2 डायबिटीज में भी इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है.
Mounjaro दवा शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और वजन घटाने में मदद करती है. इसका असर तब ज्यादा बेहतर होता है जब इसे डाइट और एक्सरसाइज के साथ लिया जाए.
ये दवा शरीर में दो खास हार्मोन रिसेप्टर्स (GIP और GLP-1) को एक्टिवेट करती है. इससे इंसुलिन बेहतर तरीके से रिलीज होता है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
Mounjaro भारत में दो डोज में उपलब्ध है. कंपनी ने इसे भारतीय बाजार के हिसाब से किफायती रखा है ताकि ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें.
2.5 mg की कीमत: ₹3,500/डोज
5 mg की कीमत: ₹4,375/डोज
टाइप-1 डायबिटीज के मरीज
जिन्हें पहले पैंक्रियाटाइटिस (अग्नाशय में सूजन) हुआ हो
18 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका असर अभी स्पष्ट नहीं है
जिन्हें थायरॉयड कैंसर या मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया सिंड्रोम टाइप 2 की हिस्ट्री है
Mounjaro के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं:
मतली (Nausea)
डायरिया
भूख में कमी
उल्टी
कब्ज
पेट दर्द
अपच
इसके अलावा, जिन मरीजों को पहले से लो ब्लड शुगर की दवाइयां (जैसे Sulfonylurea या Insulin) चल रही हैं, उनके लिए इसका इस्तेमाल करते समय लो शुगर का खतरा बढ़ सकता है.
लो ब्लड शुगर के लक्षणों की बात करें तो इसमें चक्कर आना, पसीना आना, धुंधली नजर, घबराहट, हाथ कांपना, मूड स्विंग वगैरह शामिल हैं. जानकार किसी भी तरह के साइड इफेक्ट पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करने की सलाह देते हैं.
भारत में मोटापे की दवा की भारी डिमांड है, लोग ग्रे मार्केट से एंटी-ओबेसिटी की दवाएं खरीदते आए हैं. ऐसे में मौनजारो का भारतीय बाजार में कदम रखना और ऐसी पहली दवा को लॉन्च करना उसको बाकी दवा कंपनियों के मुकाबले रेस में आगे रखेगा.
एली लिली की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी दवा कंपनी नोवो नॉरडिस्क A/S ने भारत में मोटापे के इलाज के लिए Wegovy लॉन्च करने की योजना बनाई है, लेकिन इसे कब लॉन्च किया जाएगा, ये तय नहीं है.
भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित हैं. डायबिटीज के लिए एक प्रमुख रिस्क फैक्टर होने के अलावा मोटापा 200 से ज्यादा स्वास्थ्य जटिलाओं से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें हाइपरटेंशन, कोरोनरी हृदय रोग और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया शामिल हैं.
लिली इंडिया के प्रेसिडेंट विंसलो टकर ने बयान में कहा, 'मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज का दोहरा बोझ भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में तेजी से उभर रहा है. लिली इन बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रोकथाम और प्रबंधन में सुधार करने के लिए सरकार और उद्योग के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है.'