शराब से लेकर जमीन-जायदाद, बड़े मॉल तथा फिल्म व्यवसाय में दखल रखने वाले पॉन्टी चड्ढा कारोबारी दुनिया में एक विवादित शख्स के तौर पर जाने जाते थे। जानकारों के अनुसार उनका व्यावसायिक साम्राज्य करीब 6,000 करोड़ रुपये का था। पॉन्टी चड्ढा की शनिवार को उनके भाई के साथ दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में मौत हो गई।
पिता कुलवंत सिंह चड्ढा की मौत के बाद पॉन्टी और उनके भाई हरदीप और राजिन्दर मिलकर वेव इंकॉर्प का प्रबंधन चला रहे थे। इससे पहले उनके व्यवसाय चड्ढा समूह के रूप में जाना जाता था। शनिवार को दिल्ली के फार्महाउस में गोलीबारी में पॉन्टी के साथ हरदीप भी मारा गया।
पॉन्टी जिनका असली नाम गुरदीप चड्ढा था, वह खबरों में इस साल तब आए, जब आयकर विभाग ने दिल्ली और इसके आसपास फैले उनके 13 व्यावसायिक परिसरों पर एक साथ छापे मारे। ये परिसर दिल्ली में सैनिक फार्म, लाजपत नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी तथा नोएडा में छह स्थान, मुरादाबाद और लखनऊ में हैं।
पॉन्टी चड्ढा को समाजवादी पार्टी के नजदीक माना जाता था, लेकिन उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की जीत के बाद पॉन्टी मायावती के करीब हो गए और प्रदेश में शराब के एकमात्र वितरक बन गए। पॉन्टी के पिता कुलवंत सिंह चड्ढा ने 1968 में एक छोटे से गन्ना कोल्हू से अपने कारोबार की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण, कागज विनिर्माण, चीनी, डिस्टलरीज, बिजली, बॉटलिंग प्लांट, रीयल इस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में पैर फैलाए। चड्ढा समूह का ध्यान बाद में जमीन-जायदाद और फिल्म वितरण की तरफ गया।
नोएडा सेक्टर-18 में सेंटर स्टेज मॉल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का पहला शापिंग मॉल है। समूह के कौशांबी, लखनऊ, मुरादाबाद और लुधियाना में बने मॉल अपने आप में एक ब्रांड बन गए। वेव इंकॉर्प की संपत्तियों में मोहाली, मुरादाबापद, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा में तैयार हो रहा वेब सिटी सेंटर प्रमुख हैं। इसके अलावा समूह के स्वामित्व में धनौरा स्थित वेब इंस्ट्रीज, एबी शुगर्स (दौसा), एबी ग्रेटन (गुरुदासपुर), चड्ढा पेपर्स (बिलासपुर), मनोरमा पेपर्स (यूपी) और वेब बेवरेजिज (अमृतसर) शामिल हैं। वेव इंकॉर्प ने 'कहानी', 'मर्डर 2' और 'नो एंट्री' जैसी फिल्मों का दिल्ली और उत्तर प्रदेश में वितरण कार्य भी किया।