महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गहराते बिजली संकट पर विचार-विमर्श के लिए मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का आग्रह किया है। बिजली संकट की वजह से कम से कम पांच राज्यों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में चव्हाण ने कहा है कि निजी क्षेत्र से विद्युत आपूर्ति के लिए प्रतिस्पर्धा के आधार पर बोलियों को अंतिम रूप देने के बाद ईंधन उपलब्धता को लेकर कुछ गंभीर मुद्दे उभरे हैं।
पत्र में कहा गया है, कानून में बदलाव की वजह से कुछ कानूनी चुनौतियां भी उभरी हैं, जिनकी वजह से बिजली खरीद समझौते में विवाद बढ़े हैं...परिणामस्वरूप निजी क्षेत्र के उत्पादकों ने काम जारी रखने में असमर्थता जताई है। इसकी वजह से पूरे राज्य (महाराष्ट्र) में लोडशेडिंग बढ़ी है।
उन्होंने कहा है कि गणेश महोत्सव के चलते समस्या और गहरा गई है। चव्हाण ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए वह एनसीपी के प्रमुख शरद पवार के साथ केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल से 30 अगस्त को मुंबई में मिले थे।
बातचीत के दौरान यह महसूस किया गया कि समस्या की व्यापकता को देखते हुए और इसके राष्ट्रीय प्रभाव को देखते हुए मामले को उच्चतम स्तर पर सुलझाने की आवश्यकता है।