भारत का सार्वजनिक ऋण बीते दिसंबर के अंत तक बढ़कर 55.26 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो तिमाही दर तिमाही 3 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।
सरकार का ऋण (लोक लेखा के तहत देनदारियों को छोड़कर) सितंबर के अंत तक 53.66 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्रालय द्वारा ऋण प्रबंधन पर जारी तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक ऋण में आंतरिक ऋण की हिस्सेदारी 92.2 प्रतिशत रही जो इससे पिछली तिमाही में 92 प्रतिशत थी।
कुल सार्वजनिक ऋण में बिक्री योग्य प्रतिभूतियों (रुपये में ऋण प्रतिभूतियां व ट्रेजरी बिल) का योगदान 85.7 प्रतिशत रहा जो सितंबर, 2015 के अंत में 85.3 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है, 'दिसंबर, 2015 के अंत तक सरकार का बकाया आंतरिक ऋण 50,97,016 करोड़ रुपये रहा जो जीडीपी का 37.2 प्रतिशत है, जबकि सितंबर के अंत में यह 37.1 प्रतिशत था।'
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