ADVERTISEMENT

रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को दिया करारा जवाब, बोले- बताइए मुद्रास्फीति कैसे कम है?

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि आर्थिक हालात में सुधार की रफ्तार को लेकर जरूर बहुत अधिक निराशा है, लेकिन रफ्तार में यह कमी देश में लगातार दो साल के सूखे, वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी और ब्रेक्जिट जैसे बाहरी झटकों के कारण है।
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी06:23 PM IST, 17 Jul 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देते हुए चुनौती दी कि वे उन पर नीतिगत ब्याज दर में कटौती का कदम उठाने में समय से पीछे रहने का आरोप लगाने से पहले यह साबित करें कि मुद्रास्फीति कहां बहुत कम हुई है। उन्होंने ऐसी आलोचनाओं को महज 'डायलॉगबाजी' करार देते हुए उसे खारिज किया। राजन ने कहा कि वह ऐसे 'डायलॉगों' पर ध्यान नहीं देते, क्योंकि ऐसी बातों का कोई 'आर्थिक सिर-पैर' नहीं है।

राजन को अक्सर सरकार और उसकी नीतियों के आलोचक के रूप में देखा जाता रहा है। आर्थिक वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि आर्थिक हालात में सुधार की रफ्तार को लेकर जरूर बहुत अधिक निराशा है, लेकिन रफ्तार में यह कमी देश में लगातार दो साल के सूखे, वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी और ब्रेक्जिट जैसे बाहरी झटकों के कारण है।

मुद्रास्फीति में लगातार चौथे महीने बढ़ोतरी
राजन की कुछ हलकों में इस बात के लिए सार्वजनिक रूप से तीखी आलोचना हुई है कि उन्होंने ब्याज दरों को अनावश्यक रूप से ऊंचा रखा, जिससे वृद्धि की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ा। गवर्नर ने अपने रुख के समर्थन में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दिशा का उल्लेख किया, जो लगातार चौथे महीने बढ़ते हुए जून में 5.77 प्रतिशत तक पहुंच गई है। रघुराम राजन (53) ने गवर्नर पद पर दूसरा कार्यकाल लेने से मना कर दिया है और कहा है कि वह फिर से पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में लौटना चाहते हैं। उनका कार्यकाल 4 सितंबर को पूरा हो रहा है।

आरबीआई का मुद्रास्फीति 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि इन बातों को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बहुत सराहनीय है। अच्छे मॉनसून तथा बुनियारी सुधारों एवं वृहत्-आर्थिक स्थिरता से वृद्धि और तेज होगी। राजन ने संवाददाताओं के एक समूह के साथ बातचीत में कहा, 'यह समय से पीछे रहने की बात बिना किसी आर्थिक सिर-पैर के चलती रहती हैं। आपने देखा कि पिछले सप्ताह ही खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा आया, जो 5.8 प्रतिशत है। हमारी नीतिगत ब्याज दर 6.5 प्रतिशत है।'
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक इस समय करीब दो साल के उच्चतम स्तर पर है। यह केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति के लक्षित दायरे के उच्चतम स्तर पर है। रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने की थी राजन की तीखी आलोचना
केंद्रीय बैंक प्रमुख ने कहा कि मुझे समझ नहीं आती कि हम कहां समय से पीछे हैं। आप को यह बताना चाहिए कि देखिए यहां मुद्रास्फीति बहुत नीचे है, ताकि हम वहां समय से पीछे दिख रहे हों। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि वह इस तरह के डायलॉग पर वास्तव में कोई ध्यान नहीं देते। रिजर्व बैंक के गवर्नर की सख्त मौद्रिक नीति की आलोचना करते हुए बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उन्हें पद से हटाने की मांग की थी और कहा था कि वह मानसिक तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं हैं।

'जीएसटी बिल मॉनसून सत्र में पास हो जाए तो अच्छा रहेगा'
यह पूछने पर अपने उत्तराधिकारी के लिए उनका क्या संदेश होगा, राजन ने कहा, 'मौद्रिक नीति का इंतजार करें।' आरबीआई की अगली द्वैमासिक मौद्रिक नीति 9 अगस्त को जारी होगी। अर्थव्यवस्था के आड़े आ रही है चुनौतियों के बारे में राजन ने कहा, मुझे लगता है कि काफी समय से चुनौतियां एक जैसी हैं, जिससे हम आर्थिक हालात के सुधार की प्रक्रिया में हैं। राजन ने कहा कि जीएसटी पर काफी बात हो रही है। यह मॉनसून सत्र में पारित हो जाए तो अच्छी बात होगी।

जीडीपी वृद्धि के बारे में आरबीआई गवर्नर राजन ने कहा कि वह कोई संख्या पेश कर 'टेबल थपथपाने' वाले व्यक्ति नहीं। हमने आखिरी बार 7.6 प्रतिशत का अनुमान लगाया था और मुझे लगता है कि मॉनसून जैसा रहता है, वैश्विक अर्थव्यवस्था की जो स्थिति बनती है, उससे जाहिर तौर पर उसमें बदलाव आएंगे। लेकिन मुझे लगता है कि कभी-कभी हम 7.6, 8.0 जैसे वृद्धि के किसी खास अंक पर सार्वजनिक तौर पर अटक जाते हैं। ये सभी एक ही दायरे के अंक हैं।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT