उद्योगपति राहुल बजाज ने दूसरे उद्योगपतियों की राय से हटकर आज कहा कि दर में कटौती का मामला पूरी तरह रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन पर छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि वह इस मुद्दे को सरकार से बेहतर समझते हैं। बजाज ने कहा कि राजन महंगाई को नियंत्रण में रखना चाहते हैं। महंगाई से गरीबों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है।
खुलकर अपनी बात कहने वाले बजाज ने रिजर्व बैंक द्वारा पहले की गई कटौती का लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचाने के लिए बैंकों पर भी अपनी भड़ास निकाली। बजाज आटो के चेयरमैन ने यहां इकोनोमिस्ट इंडिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘देश में दरों में कटौती के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं। वह सरकार से बेहतर इस मसले को समझते हैं, वह मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना चाहते हैं।’
मूल्यवृद्धि नियंत्रण पर राजन का ध्यान केन्द्रित होने का समर्थन करते हुए बजाज ने कहा कि यदि मुद्रास्फीति ऊंची रहती है तो गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। जिसकी कमाई सीमित दायरे में है उस पर भी काफी असर पड़ता है। बजाज ने बैंकों को भी आड़े हाथों लिया। रिजर्व बैंक द्वारा जनवरी के बाद से नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचाने पर बजाज ने बैंकों की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘बैंकों ने ग्राहकों को कितना लाभ पहुंचाया है? वह इसे आगे क्यों नहीं पहुंचा रहे हैं?’ कई उद्योगपति और उद्योग संगठन लंबे समय से लगातार ब्याज दरें कम किए जाने की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने इस मामले में सरकार से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है।