रेल बजट पेश होने के बाद शेयर बाजारों में आज दो सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 261 अंक टूटकर 29,000 अंक के स्तर से नीचे 28,746.65 अंक पर आ गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 83 अंक के नुकसान से 8,700 अंक से नीचे आ गया।
नरेंद मोदी सरकार के पहले पूर्ण रेल बजट ने बाजार भागीदारों को निराश किया, जिससे धारणा प्रभावित हुई। मुख्य रूप से आईटी, स्वास्थ्य सेवा, पूंजीगत सामान व बैंकिंग खंड के शेयरों में मुनाफावसूली का दौर चला। इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी धारणा प्रभावित हुई।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बेहतर रुख में खुलने के बाद 29,069.13 अंक के दिन के उच्चस्तर तक गया। हालांकि, रेल बजट पेश होने के बाद बाजार बिकवाली दबाव में आ गया। कारोबार के दौरान यह एक समय 28,693.82 अंक के निचले स्तर तक जाने के बाद अंत में 261.34 अंक या 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 28,746.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 9 फरवरी के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 83.40 अंक या 0.95 प्रतिशत के नुकसान से 8,700 अंक से नीचे 8,683.85 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 8,669.45 से 8,786.05 अंक के दायरे में रहा।
ब्रोकरों ने कहा कि रेल बजट भविष्य की सोच वाला है, लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु यह ब्योरा नहीं दे पाए कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन कहां से आएगा।
ब्रोकरों ने कहा कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यात्री किरायों में बढ़ोतरी नहीं की है जिसके बाद बाजार में अटकलें हैं कि शनिवार को पेश किए जाने वाले आम बजट भी लोकलुभावन हो सकता है। एक अप्रैल, 2015 से भाड़ा बढ़ाने की घोषणा से कोल इंडिया के शेयर में गिरावट रही।