इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी (आईडीएफसी) और कोलकाता की सूक्ष्म वित्त कंपनी बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज को बैंकिंग लाइसेंस प्रदान किया गया है।
रिजर्व बैंक ने 25 आवेदकों में से सिर्फ दो को ही बुधवार को बैंकिंग लाइसेंस प्रदान किया। चुनाव आयोग ने मंगलवार को रिजर्व बैंक को नए बैंक लाइसेंस जारी करने की अनुमति दी थी। रिजर्व बैंक ने आईडीएफसी और बंधन को बैंक खोलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इन कंपनियों को पूर्ण बैंक खोलने की जरूरतों को 18 माह में पूरा करना होगा।
भारतीय डाक के आवेदन के बारे में रिजर्व बैंक ने उच्चस्तरीय जांच समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है कि इस बारे में आगे का कदम सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद उठाया जाएगा।
रिजर्व बैंक को मूल रूप से जुलाई, 2013 में नए बैंक लाइसेंस के लिए 27 आवेदन मिले थे। बाद में टाटा संस व वीडियोकॉन समूह ने अपने आवेदन वापस ले लिए थे। इसके बाद बैंक लाइसेंस की दौड़ में सिर्फ 25 कंपनियां रह गई। भारतीय डाक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की आईएफसीआई, निजी क्षेत्र के अनिल अंबानी समूह व आदित्य बिड़ला समूह, बजाज फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस, रेलिगेयर इंटरप्राइजेज तथा श्रीराम कैपिटल ने बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
वित्तीय सेवा सचिव जीएस संधू ने कहा, इससे और इकाइयों को आगे आकर वित्तीय समावेश को तेजी से आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। यह अर्थव्यवस्था के साथ बैंकिंग क्षेत्र के लिए भी अच्छा है। फिलहाल देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 और निजी क्षेत्र के 22 बैंक हैं।
रिजर्व बैंक ने एक दशक बाद नए बैंक लाइसेंस जारी किए हैं। इससे पहले 2003-04 में कोटक महिंद्रा बैंक व यस बैंक को बैंकिंग लाइसेंस दिए गए थे। रिजर्व बैंक ने कहा, कुछ इकाइयां, जो इस दौर में बैंक लाइसेंस पाने की पात्र नहीं बन पाईं, भविष्य के दौर में आवेदन कर सकती हैं। साथ ही वे प्रस्तावित ढांचे के तहत दूसरी तरह के लाइसेंस के लिए भी आवेदन कर सकती हैं।