रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India - आरबीआई) ने अपनी कर्ज़ नीति का ऐलान करते हुए रेपो रेट तथा सीआरआर सहित किसी नीतिगत दर में कोई परिवर्तन नहीं किया है, हालांकि सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में आधा प्रतिशत की कटौती की गई है, ताकि बाज़ारों में पूंजी प्रवाह को बढ़ाया जा सके।
आरबीआई ने अपनी प्रमुख ऋण दर - रिपर्चेज दर - यानि रेपो रेट (Repo Rate), जिस पर वाणिज्यिक बैंक सीमित अवधि के लिए रिजर्व बैंक से ऋण लेते हैं, को आठ प्रतिशत पर ही बरकरार रखा है। उधर, नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio - CRR) में भी चार प्रतिशत पर कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, लेकिन सांविधिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio - SLR) में आधा फीसदी की कटौती की गई है, और अब वह 22 फीसदी हो गया है।
दूसरी ओर, चूंकि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए रिवर्स रेपो रेट, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों से सीमित अवधि के लिए उधारी लेता है, स्वत: सात प्रतिशत पर बरकरार रहेगी।