आवास ऋण पर ब्याज दरों में वृद्धि, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, कोविड महामारी के बाद की चुनौतियों और बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच भारत का बेंगलुरु (Bengaluru) शहर एशिया प्रशांत क्षेत्र में सिंगापुर के बाद निवेशकों के एक पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरा है. रियल एस्टेट (Real Estate) कंसल्टेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक (Knight Frank) द्वारा गुरुवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की नरमी की छाया के बीच एशिया प्रशांत के देशों में आर्थिक वृद्धि अपेक्षाकृत अच्छी रहेगी और इससे इन देशों के अचल सम्पत्ति बाजार को फायदा होगा. रिपोर्ट के अनुसार एशिया प्रशांत के रियल एस्टेट बाजार की वृद्धि अन्य क्षेत्रों से अधिक बनी रहेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अचल संपत्ति क्षेत्र के कारोबार में आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों, मौसमी घटनाओं, श्रम की कमी, किराये की ऊंची दरों और ऐसे अन्य अनेक कारणों के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसमें गिरावट चल रही थी.
रिपोर्ट के अनुसार कोविड19 महामारी के बाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रियल एस्टेट बाजार पटरी पर वापस आ रहा है. इस क्षेत्र के लोग रहने के लिए नये घरोंकी तलाश कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार ऐसे निवेशकों के लिए बेंगलुरु सम्पत्ति के मूल्य की दृष्टि से आकर्षक बाजार के रूप में दिख रहा है.
नाइट फ्रैंक का मानना है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में रियल एस्टेट बाजार में स्थिति सामान्य होने की प्रक्रिया जारी रहेगी, हालांकि कुछ बाजार रफ्तार भी पकड़ेंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है, “घरेलू उन्मुख अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के उभरते बाजारों में मांग में सुधार से वृद्धि को बढ़ावा मिलने की संभावना है.” रिपोर्ट में कहा गया है, “एशिया प्रशांत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बना रहेगा.”
नाइट फ्रैंक (एशिया-प्रशांत) के प्रबंध निदेशक केविन कॉपेल ने एक बयान में कहा,“ जबकि एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्था को 2023 में बाधाओं का सामना करना जरूर करना पड़ेगा, पर वैश्विक अर्थव्यवस्था के मद्धिम पड़ने की छाया के बीच यह क्षेत्र एक जगमगता स्थान बना रहेगा. इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं एक बार फिर दुनिया भर में आर्थिक वृद्धि की दृष्टि से सबसे ऊपर रहेगी जिसका फायदा उनके रियल एस्टेट बाजारों को मिलेगा.”