दिल्ली-NCR में बीते 5 साल में अनसोल्ड हाउसिंग इन्वेंट्री में 57% की जबरदस्त कमी आई है. जबकि इस अवधि में दक्षिण भारत की इन्वेंट्री में 11% (बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई) और पश्चिम भारत (MMR, पुणे) में 8% की कमी आई है.
दिल्ली NCR में Q1 2018 के अंत में बिना बिके घरों की संख्या 2 लाख यूनिट थी. ये Q1 2024 के अंत में कम होकर 86,420 यूनिट रह गई है. कोलकाता में भी अनसोल्ड इन्वेंट्री में 41% की कमी आई है.
खास बात ये है कि दक्षिण में अकेले बेंगलुरु में ही इस तरह की इन्वेंट्री में 50% की कमी आई है. जबकि इसी क्षेत्र के हैदराबाद में नई यूनिट्स की लगातार सप्लाई के चलते इन्वेंट्री चार गुना तक बढ़ गई है. कुल मिलाकर दक्षिण भारत में Q1 2018 के 1.96 लाख यूनिट के आंकड़े से गिकर इन्वेंट्री 1.76 लाख यूनिट पर पहुंच गई.
पश्चिम भारत में जैसा बताया कि बीते 5 साल में अनसोल्ड इनवेंट्री में 8% की कमी आई है. Q1 2024 के खात्मे तक इस क्षेत्र में 2.90 लाख यूनिट अनसोल्ड इन्वेंट्री में थीं. दरअसल पश्चिम भारत में सप्लाई भी बीते 5 साल में सबसे ज्यादा रही है. इस क्षेत्र में 8,42,298 यूनिट नए घरों की सप्लाई हुई.
दिल्ली-NCR में अनसोल्ड इन्वेंट्री का कम स्तर ग्राहकों के बढ़े हुए विश्वास को दिखा रहा है.
एनारॉक ग्रुप के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार कहते हैं, 'NCR मार्केट के लिए सबसे बेहतर ये चीज रही कि बिल्डर्स ने नई सप्लाई को नियंत्रण में रखा. एनारॉक डेटा से पता चलता है कि इन 5 साल में 1.81 लाख यूनिट की ही सप्लाई की गई. जबकि दक्षिण और पश्चिम के रियल एस्टेट बाजारों में क्रमश: 6.07 लाख यूनिट और 8.42 लाख यूनिट की सप्लाई रही.'
संतोष कुमार के मुताबिक RERA, GST और SWAMIH जैसे AIFs के हस्तक्षेप ने ग्राहकों के विश्वास को दोबारा बनाने में अहम योगदान दिया. नतीजतन बड़े और लिस्टेड प्लेयर्स ने इस क्षेत्र में अपनी सप्लाई बढ़ाई है.
NCR में सबसे ज्यादा अनसोल्ड इन्वेंट्री गुरुग्राम में 33,326 यूनिट है. ये बीते 5 साल में 37% की गिरावट है. इसी तरह ग्रेटर नोएडा में 18,668 यूनिट अनसोल्ड इनवेंट्री है, इसमें भी 70% की गिरावट देखी गई है.