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मुंबई रियल एस्टेट की बदलती तस्वीर, नए इंफ्रा प्रोजेक्ट्स से शहर रहने के लिए बनेगा और बेहतर

मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित इवेंट; 'Making Mumbai A Liveable, Modern City' में बोलते हुए BMC कमिश्नर भूषण गगरानी ने कहा कि विकास से जुड़ी गतिविधियों से सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक बदलाव आएंगे
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:17 PM IST, 22 May 2024NDTV Profit हिंदी
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मुंबई में पिछले कुछ महीनों में नई कोस्टल रोड, अटल सेतु और मेट्रो लाइनों में तेजी से विस्तार होने के चलते जबरदस्त इंफ्रा बूम आया है. लेकिन इसके चलते बढ़े ट्रैफिक और वायु प्रदूषण से इस तरह के विकास की व्यवहार्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

सोमवार शाम को मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित इवेंट; 'Making Mumbai A Liveable, Modern City' में बोलते हुए BMC कमिश्नर भूषण गगरानी ने कहा कि विकास से जुड़ी गतिविधियों से सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक बदलाव आएंगे.

गगरानी ने कहा, 'हम मुंबई शहर में बड़ा बदलाव देख रहे हैं. शहर की तस्वीर में आए इस बदलाव का असर सामाजिक-आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा, जो दुनियाभर में आए इस तरह के आइकॉनिक ट्रांसफॉर्मेशन के स्तर का होगा.'

उन्होंने कहा कि इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से आने वाला बदलाव अतुलनीय है. मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर ये प्रोजेक्ट नहीं होता, तो विकास के साथ-साथ अच्छे मौकों का भी नुकसान हो जाता.

गगरानी के मुताबिक कोस्टल रोड और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक जैसे नए प्रोजेक्ट्स से अगले दशक में रियल एस्टेट मार्केट में बुनियादी बदलाव आएंगे.

रिटायर्ड IAS ऑफिसर RC सिन्हा कहते हैं कि इंफ्रा में तेजी से ग्रोथ हो रहे है, लेकिन इनकी मजबूती कमजोर होती जा रही है और ये लंबे वक्त तक नहीं टिक सकते. ऐसा इसलिए है क्योंकि क्वालिटी कंट्रोल का मजबूत मैकेनिज्म नहीं है. अगर इसमें सुधार हो जाता है, तो ड्यूरेबिलिटी बढ़ जाएगी.'

सिन्हा ने कहा, 'नवी मुंबई को मुंबई पर लोड कम करने के लिए बनाया गया था. अब जब पूरे देश में शहरीकरण तेज हो रहा है तो ऐसे शहरों की स्थापना करना जरूरी है.'

मुंबई में रहने वाले आर्किटेक्ट PK दास कहते हैं कि मौजूदा ग्रीन कवर जीवन रक्षक इकोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर है. अगल हम इकोलॉजी को इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर मानें और इसका विकास करें, तो हम मौसम परिवर्तन के चलते जान गंवाने वालों को बचा सकेंगे.

दास कहते हैं, 'मुंबई में बढ़ते तापमान ने हीट आइलैंड इफेक्ट पैदा कर दिया है, जिसका शहर में रहने की स्थितियों पर असर पड़ रहा है. इससे ना केवल मुंबईकर्स के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि इसका शहर की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ रहा है.'

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