Office Spaces' Demand Up: जनवरी-मार्च 2025 के दौरान भारत के टॉप 8 शहरों में ऑफिस स्पेस की लीजिंग 74% बढ़कर रिकॉर्ड 282 लाख वर्ग फुट हो गई.
ये तेजी खासतौर पर उन विदेशी कंपनियों की बढ़ती मांग के कारण आई है, जो भारत में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCCs) स्थापित कर रही हैं. ये जानकारी नाइट फ्रैंक इंडिया की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है.
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में ऑफिस स्पेस की मांग में जबरदस्त उछाल आया है. यहां 127 लाख वर्ग फुट ऑफिस स्पेस लीज पर लिया गया, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा है. खास बात ये है कि इसमें से 58% (74 लाख वर्ग फुट) स्पेस पहले से ही बुक हो चुका था.
हैदराबाद: 31% बढ़ोतरी के साथ 40 लाख वर्ग फुट की लीजिंग
पुणे: लीजिंग 91% बढ़कर 37 लाख वर्ग फुट
मुंबई: लीजिंग 24% बढ़कर 35 लाख वर्ग फुट
चेन्नई: लीजिंग 56% बढ़कर 18 लाख वर्ग फुट
दिल्ली-NCR: लीजिंग 33% गिरकर 21 लाख वर्ग फुट
अहमदाबाद: लीजिंग 54% गिरकर 2.2 लाख वर्ग फुट
कोलकाता: लीजिंग 16% गिरकर 1.6 लाख वर्ग फुट
भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. जनवरी-मार्च 2025 में GCCs ने 124 लाख वर्ग फुट ऑफिस स्पेस लीज पर लिया, जो पिछले साल के 50 लाख वर्ग फुट की तुलना में काफी अधिक है.
माइंडस्पेस REIT के CEO रमेश नायर ने कहा कि भारत में ऑफिस स्पेस की मांग रिकॉर्ड स्तर पर है. उन्होंने बताया कि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्नोलॉजी कंपनियां और डेटा सेंटर सेक्टर तेजी से ऑफिस स्पेस की तलाश कर रहे हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि अब कंपनियां सिर्फ बुनियादी ऑफिस स्पेस नहीं चाहतीं, बल्कि वे हाई-ग्रेड ऑफिस बिल्डिंग्स की ओर बढ़ रही हैं, जहां रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और वेलनेस सुविधाएं भी मिलती हों.
भारत अब सिर्फ एक ऑफिस मार्केट नहीं, बल्कि ग्लोबल इनोवेशन हब बनता जा रहा है. आने वाले समय में ये सेक्टर और ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है. मौजूदा ट्रेंड कई संकेत दे रहे हैं, जै
भारत में ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ती रहेगी.
कंपनियां अब बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाओं वाले ऑफिस स्पेस की तलाश कर रही हैं.
GCCs के विस्तार से रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी.
दिल्ली-NCR और अहमदाबाद में गिरावट का मतलब है कि कंपनियां चुनिंदा शहरों में ही निवेश कर रही हैं.
बेंगलुरु बेस्ड सत्त्वा ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट शिवम अग्रवाल ने कहा कि भारत में GCCs का विस्तार तेजी से हो रहा है.
उन्होंने कहा, 'भारत की सफलता सिर्फ हमारे अंग्रेजी बोलने वाले वर्कफोर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक स्थिरता और इनोवेटिव अप्रोच भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.'
सत्त्वा ग्रुप और ब्लैकस्टोन अपने एसेट्स को लिस्ट करने के लिए REIT पब्लिक इश्यू लाने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास आवेदन भी कर चुके हैं.