वेस्टियन की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024-25 (FY25) में भारत में ऑफिस स्पेस की लीजिंग में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की हिस्सेदारी 42% रही है, जो अब इस ग्रोथ के पीछे की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं. अब ये कंपनियां सिर्फ सस्ते विकल्पों की तलाश में नहीं हैं, बल्कि बड़ी जगहों पर लॉन्ग टर्म लीज साइन कर रही हैं, जो भारत के टैलेंट इकोसिस्टम और भविष्य के लिए तैयार ऑफिस स्पेस में उनके भरोसे को दर्शाता है.
GCCs के इस तेजी से बढ़ते प्रभाव ने कमर्शियल रियल एस्टेट के नक्शे को बदल दिया है और भारत को इंटरनेशनल बिजनेस ऑपरेशंस का केंद्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया है. आंकड़े बताते हैं कि FY25 में GCCs ने कुल 31.8 मिलियन वर्गफुट ऑफिस स्पेस लीज पर लिया, जो पिछले साल की तुलना में 24% अधिक है. इनमें से 13.5 मिलियन वर्गफुट, यानी कुल लीजिंग का 43%, फॉर्च्यून 500 कंपनियों के GCCs द्वारा लीज पर लिया गया.
शहरवार आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-NCR ने पूरे देश में GCCs की लीजिंग ग्रोथ में सबसे आगे रहते हुए खुद को एक मजबूत हब के रूप में स्थापित किया है. यहां की इंफ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट बेस और कनेक्टिविटी ने इसे सबसे आकर्षक बना दिया है. NCR में GCCs की हिस्सेदारी कुल ऑफिस लीजिंग में 28.3% रही. खास बात यह रही कि NCR में GCCs द्वारा लीज पर ली गई कुल जगह में फॉर्च्यून 500 कंपनियों की हिस्सेदारी FY24 में 40% थी जो FY25 में बढ़कर 50% हो गई.
इसके साथ ही गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद जैसे स्ट्रैटेजिक सबमार्केट्स में भी फॉर्च्यून 500 कंपनियों और ग्लोबल कॉरपोरेट्स द्वारा ग्रेड-A ऑफिस स्पेस की मांग तेज़ी से बढ़ रही है. खासकर द्वारका एक्सप्रेसवे और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में.
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर, कुशाग्र अंसल का कहना है कि दिल्ली-NCR का ऑफिस बाजार तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. गुरुग्राम और नोएडा बिजनेस विस्तार के बड़े केंद्र बन गए हैं.GCCs प्रीमियम ऑफिस स्पेस की तरफ आकर्षित हो रही हैं.यहां की कनेक्टिविटी और माइक्रो मार्केट इसे खास बनाते हैं.
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर, संचित भूटानी ने कहा नोएडा -ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे अब बड़ी कंपनियों की पसंद बन गया है.फार्च्यून 500 कंपनियां यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के ऑफिस खोज रही हैं.नोएडा एयरपोर्ट की वजह से निवेशकों का भरोसा और बढ़ा है.यह इलाका अब अगली कॉरपोरेट ग्रोथ का बड़ा केंद्र बन रहा है.
पिरामिड इंफ्राटेक के अश्वनी कुमार ने कहा अब GCCs पारंपरिक दफ्तरों से आगे बढ़ चुकी हैं. गुरुग्राम जैसे नए इलाकों में डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है.
बेहतर मेट्रो, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रेड A ऑफिस मिल रहे हैं. कंपनियां अब हाई-क्वालिटी टेक्नोलॉजी बेस्ड स्पेस चाहती हैं.
ओकस ग्रुप के चेयरमैन प्रकाश मेहता का कहना है कि गुरुग्राम में सिर्फ बड़ी लीजिंग नहीं हो रही, बल्कि कंपनियां यहां लंबी योजना के तहत निवेश कर रही हैं. सेक्टर 99 जैसे नए इलाके, द्वारका एक्सप्रेसवे पर कंपनियों के लिए नए ऑफिस हब बन रहे हैं. यहां ऑफिस स्पेस सिर्फ काम करने की जगह नहीं, बल्कि कर्मचारियों के लिए बेहतर अनुभव और स्थायित्व का प्रतीक है.
अब तक कमर्शियल रियल एस्टेट की सबसे ज़्यादा मांग IT और ITes कंपनियों की तरफ से आती थी, लेकिन अब बैंकिंग-फाइनेंस (BFSI), हेल्थकेयर और रिसर्च जैसे सेक्टर भी बड़े-बड़े ऑफिस किराए पर ले रहे हैं. इससे बाजार में बदलाव आ रहा है और भारत दुनिया भर के लिए एक आधुनिक और तैयार ऑफिस हब बनता जा रहा है.
अब भारत सिर्फ बैक ऑफिस नहीं, बल्कि वैश्विक कंपनियों की मुख्य ऑपरेशन्स का हिस्सा बन रहा है. ऐसे में प्रीमियम, सस्टेनेबल और बड़े दायरे वाले ऑफिस स्पेस की मांग और भी बढ़ने वाली है.