महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी खरीदना अब और महंगा हो गया है, महाराष्ट्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रेडी रेकनर रेट (RRR) में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. रेडी रेकनर रेट्स में औसतन 4.39% की बढ़ोतरी की गई है, नई दरें 1 अप्रैल, 2025 से लागू मानी जाएंगी.
रेडी रेकनर रेट किसी खास क्षेत्र में प्रॉपर्टीज के लिए तय न्यूनतम वैल्युएशन होता है. इसे सर्किल रेट भी कहा जाता है. इसके बढ़ने से प्रॉपर्टीज के दाम बढ़ जाएंगे, जिससे स्टैम्प ड्यूटी भी ज्यादा चुकानी होगी. हालांकि ये बढ़ोतरी शुरुआत में अनुमानित 10% की बढ़ोतरी से काफी कम है, लेकिन इससे खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी की लागत और स्टैम्प ड्यूटी पर असर पड़ेगा, भले ही स्टैम्प ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इन रेट्स का इस्तेमाल स्टैम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की कैलकुलेशन के लिए किया जाता है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि टैक्स से बचने के लिए प्रॉपर्टी के लेन-देन का कम वैल्युएशन न किया गया हो. रेडी रेकनर रेट्स में बढ़ोतरी का मतलब है प्रॉपर्टी की कीमतों का ऊंचा वैल्युएशन, जिससे स्टैम्प ड्यूटी और खरीदारों के लिए कुल प्रॉपर्टी की लागत में बढ़ोतरी हो जाती है.
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल ने RRR दरों में मामूली बढ़ोतरी को स्वीकार किया है, लेकिन डेवलपमेंट चार्ज और फ्लोर स्पेस इंडेक्स से जुड़ी बढ़ती निर्माण लागत के बारे में चिंता व्यक्त की है. NAREDCO ने चेतावनी दी कि ये फैक्टर अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर पर असर डाल सकते हैं, इन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि वो किफायती आवास को बनाए रखते हुए बाजार की बढ़ोतरी को बनाए रखने के लिए संतुलित नजरिया अपनाएं.
रेडी रेकनर दरों में पिछली बढ़ोतरी 2022-23 में की गई थी, यानी करीब दो साल बाद इसमें बढ़ोतरी की गई है. इस बार, ऐसी अटकलें थीं कि मुंबई और अन्य क्षेत्रों में 10% तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. भले ही ये बढ़ोतरी पूर्वानुमानों की तुलना में कम है, फिर भी ये आने वाले महीनों में बाजार के रुझान को प्रभावित करने के लिए काफी है.