ये दिल मांगे मोर... प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने के बावजूद लोग बड़े अपार्टमेंट की तलाश में हैं. फिक्की-एनारॉक कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे (FICCI Anarock Consumer Sentiment Survey H2 2023) से पता चला है कि बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और दिल्ली-NCR जैसे शहरों में 50% होम बॉयर्स 3BHK यानी 3 बेडरूम+हॉल+किचन वाला घर पसंद करते हैं.
एनारॉक रिसर्च के सर्वे के निष्कर्ष मंगलवार को दिल्ली में आयोजित फिक्की रियल एस्टेट समिट में सामने आए.
सर्वे में पाया गया है कि 50% लोग 3 BHK चाहते हैं, जबकि 38% लोग 2 BHK के पक्ष में थे.
हालांकि मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) और पुणे में ज्यादातर लोग अभी भी छोटे घर पसंद करते हैं.
प्रॉपर्टी की बढ़ती दरों के बावजूद बड़े अपार्टमेंट की मांग लगातार बनी हुई है.
बड़े अपार्टमेंट के लिए बढ़ती प्राथमिकता के अनुरूप 1.5 करोड़ रुपये की कीमत वाले लग्जरी घरों की मांग में भी तेजी आई है.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, किफायती आवास की मांग पहले के मुकाबले और कम हो गई है.
फिक्की-एनारॉक कंज्यूमर सेंटीमेंट (H2) सर्वे में वर्ष 2020 में किफायती आवास की मांग 40% और वर्ष 2021 में 25% थी, जो वर्ष 2023 में 21% रह गई है.
बड़े घरों की आपूर्ति उनकी मांग के अनुरूप हो रही है. एनारॉक डेटा के अनुसार, देश के टॉप-7 शहरों में औसत फ्लैट का आकार पिछले साल सालाना 11% बढ़ गया है. 2022 में ये 1,175 वर्ग फुट था जो 2023 में बढ़कर 1,300 वर्ग फुट तक पहुंच गया.अनुज पुरी, चेयरमैन, एनारॉक ग्रुप
सर्वे से पता चला कि पहली बार लॉन्च हुए नए घरों की तुलना में रेडी-टू-मूव घरों की मांग कम है. सर्वे में छोटे और बड़े शहरों की ओर घर खरीदने वालों के बढ़ते रुझान पर प्रकाश डाला गया. यह उछाल कोविड महामारी के बाद रिटर्न टू ऑफिस (RTO) नीति के कारण आया है. ताजा सर्वे से पता चला है कि 30% प्रतिभागियों ने घर खरीदने के लिए सब-अर्बन क्षेत्रों को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में चुना, जबकि 2021 में ये 25% था.
पिछले वर्षों की तुलना में घरों के भीतर अधिक खुली जगहों की इच्छा में बढ़ोतरी देखी गई है. पहले, घर के अंदर उपयोग के लिए प्रत्येक वर्ग इंच का उपयोग करने पर अधिक ध्यान दिया जाता था. अब, 75% प्रॉपर्टी खरीदार, बालकनी वाली प्रॉपर्टी चाहते हैं. 74% होम बॉयर्स बेहतर निर्माण गुणवत्ता पर जोर देते हैं.
CREDAI-NCR के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के CMD मनोज गौड़ का कहना है कि पिछले कुछ समय से गौर करें तो होम बायर्स बड़े घर को लेकर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. खासकर कोविड के बाद लोगों के कामकाज करने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा जगह और एक्स्ट्रा कमरों की मांग कर रहे हैं.
इन्वेस्टमेंट का इरादा रखने वाले खरीदार भी बड़े घरों की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं, जिससे लग्जरी रियल एस्टेट में ज्यादा लॉन्च देखे गए हैं. डेवलपर्स भी अब इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में हाई रेंज वाली प्रॉपर्टी की मांग और बढ़ेगी, जबकि छोटे घरों की मांग और बिक्री में कमी आएगी.
SKA ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम की वजह से लोगों को 1BHK और 2BHK फ्लैट छोटे पड़ रहे हैं. उन्हें अब ज्यादा जगह की जरूरत महसूस हो रही है, इसलिए लोग अब बड़े घरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद देश के कई हिस्सों में बड़े घरों की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है क्योंकि महामारी के चलते लोगों का काम करने, सीखने और जीवन जीने का तरीका बदल गया है. इससे आवासीय घरों की मांग में बदलाव आया है.
घर से काम करने वाले अधिक लोगों के लिए एक अलग रूम होना प्राथमिकता बन गया है, जिस वजह से ज्यादा कमरों वाले घरों की डिमांड बढ़ी है. ये कहना है, ट्राइसोल रेड के MD पवन शर्मा का. उन्होंने कहा, 'बड़े कमरे, बेडरूम और किचन के लिए अतिरिक्त सुविधाओं जैसे योग स्पेस और सूरज की रोशनी और वेंटिलेशन डेक के साथ अन्य चीजों के साथ घरों के लिए भी मांग अधिक है. बाहरी स्पेस जैसे बालकनी और छत अधिक लोकप्रिय हो गए हैं क्योंकि लोग अपने घरों से बाहर निकले बिना बाहर का आनंद लेने के तरीकों की तलाश लगातार कर रहे हैं.'
वहीं, 360 रियलेटर्स के डायरेक्टर संजीव अरोड़ा का कहना है कि राजधानी दिल्ली से सटे NCR में 1BHK और 2BHK फ्लैट की मांग कम होने से पता चलता है कि देश के बड़े शहरों में अब बड़ी बिल्डिंग में फ्लैट लेने का सपना मध्यम वर्ग के बजट से बाहर होता जा रहा है. साथ ही इन शहरों में लोग छोटे फ्लैट को री-सेल में लेना काफी पसंद कर रहे हैं. कोविड के बाद से बड़े शहरों में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है. ऐसे में बायर्स अब बड़े घरों की मांग ज्यादा कर रहे हैं.
इस्कॉन इन्फ्रा रियलटर्स के MD नीरज शर्मा का कहना है कि बड़े घरों की मांग ने रियल एस्टेट मार्केट को कई तरह से प्रभावित किया है. बड़े घरों की मांग सिर्फ शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि उनके आस-पास के इलाकों जैसे नोएडा एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, जेवर में भी किफायती घर आज भी मौजूद हैं. घरों की मांग में तेजी आई है. एकांत में काम करने के चलन ने लोगों की हाउसिंग डिमांड को बदल दिया है.