पिछले 10 साल में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) में जबरदस्त बूम देखने को मिला है. साल 2014 से 2023 के बीच देश के टॉप 7 शहरों में 29.32 लाख नए मकान लॉन्च हुए, जबकि 28.27 लाख मकान बिके हैं.
इनमें दिल्ली-NCR, मुंबई-MMR, पुणे, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद के आंकड़े शामिल हैं. इस दौरान मांग बढ़ने से मकानों की कीमतें भी 25 से 60% तक बढ़ गईं.
रियल एस्टेट फर्म एनारॉक और नारेडको की रिपोर्ट (Anarock Naredco Report) में कहा गया है कि 2030 तक देश का रियल एस्टेट सेक्टर 83.39 लाख करोड़ रुपये (100 Billion Dollar) का हो जाएगा. मौजूदा समय में ये आंकड़ा करीब 54.20 लाख करोड़ रुपये का है.
दोनों फर्म ने जो रिपोर्ट जारी की है, उसका शीर्षक है- ‘रियल एस्टेट अनबॉक्स्ड: द मोदी इफेक्ट’. इसमें कहा गया है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के नीतिगत सुधारों ने रियल एस्टेट को खूब सपोर्ट किया. RERA में पारदर्शिता, आवास योजनाएं और GST जैसे सुधारों की बदौलत रियल एस्टेट सेक्टर, खासकर रेसिडेंशियल सेगमेंट ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की.
देश की GDP में रियल एस्टेट सेक्टर का अहम योगदान रहा है और आने वाले समय में ये और बढ़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) अस्तित्व में आया और 2017 में देश की GDP में रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान 7% था, जो 2030 में बढ़ कर 13% हो जाएगा.
देश के कुल वर्कफोर्स में रियल एस्टेट सेक्टर की हिस्सेदारी 18% से अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक, रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ से देश में रोजगार के मौके भी खूब बढ़े. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद 10 वर्षों में इस सेक्टर ने 3 करोड़ से ज्यादा जॉब क्रिएट किया.
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में मिलने वाला कुल रोजगार पिछले कैलेंडर वर्ष में बढ़कर 7.1 करोड़ हो गया, जबकि 2013 में यह आंकड़ा 4 करोड़ था.
रियल एस्टेट फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2016 में RERA के अस्तित्व में आने के बाद पारदर्शिता बढ़ी और प्रोजेक्ट्स समय से पूरे हुए. 2016 के बाद कुल 1.21 लाख प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हुए हैं. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 45,128 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हुए, जबकि गुजरात में 13,009 प्रोजेक्ट्स. हिंदी भाषी राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 5,985 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हुए.