देश के टॉप शहरों में किराये पर मकानों की बढ़ती मांग के साथ, औसतन किराया भी काफी बढ़ गया है. यानी रियल एस्टेट सेक्टर में ROI निवेशकों (Return on Investment) के लिए रेंट से होने वाली कमाई लगातार बढ़ रही है.
रियल एस्टेट रिसर्च फर्म एनारॉक (ANAROCK) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, रेंट से होने वाली कमाई के मामले में IT सिटी बेंगलुरु टॉप पर है. साल 2024 की पहली तिमाही (Q1,2024) में बेंगलुरु में रेंटल यील्ड 4.45% तक बढ़ गई है.
कोविड के बाद धीरे-धीरे IT कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम (WFH) खत्म करने और अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने के बाद से ही बेंगलुरु के प्रमुख इलाकों में रेशिडेंसियल-स्पेस का किराया बढ़ रहा है. कोविड के पहले 2019 में बेंगलुरु का रेंटल-यील्ड जहां 3.6% था, इसमें अब तक 24% का इजाफा हो चुका है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु जहां टॉप पर है, वहीं 4.15% की रेंटल यील्ड के साथ मुंबई (MMR) दूसरे नंबर पर है. 2019 में मुंबई में रेंटल यील्ड 3.5% था, वो तब से अब तक 19% तक बढ़ चुका है. इसी तिमाही में 4.1% की रेंटल यील्ड ग्रोथ के साथ दिल्ली से सटा गुरुग्राम पीछे है.
मान लिया जाए कि किसी बिल्डिंग की वैल्यू 50 लाख है और ये 10,000 रुपये/महीने की दर से किराये पर दिया गया है. यानी इससे 1,20,000 रुपये सालाना किराया आ रहा है. ऐसे में रेंटल यील्ड 2.40% होगा.
अब मान लीजिए कि इस बिल्डिंग का किराया एक साल में 4,000 बढ़ कर 14,000 रुपये हो जाता है. यानी इससे 1,68,000 सालाना किराया आएगा. ऐसे में रेंटल यील्ड 3.36% हो जाएगा.
देश के टॉप शहरों में कुछ खास इलाके हैं, जो किराये से कमाई के मामले में आगे हैं. जैसे कि देश की सिलिकॉन वैली बेंगलुरु की बात करें तो यहां के सरजापुर रोड और व्हाइटफील्ड में औसत किराये में 8% की बढ़ोतरी हुई.
साल 2023 की चौथी तिमाही (Q4 2023) में 1,000 वर्ग फुट के 2BHK फ्लैट का किराया करीब 31,600 रुपये/माह था, जो कि 2024 की पहली तिमाही (Q1 2024) में 34,000 रुपये/माह हो गया. कई अन्य शहरों के कुछ खास इलाकों का भी कुछ ऐसा ही हाल है.
कोविड काल के बाद ऑफिसेस के फिर से शुरू होने के बाद किराये पर स्पेस की मांग बढ़ी है और रेंटल यील्ड भी बढ़ रहा है. बेंगलुरु, गुरुग्राम, पुणे और नोएडा समेत IT-डोमिनेटेड शहरों और मुंबई में भी रेंटल वैल्यू और यील्ड में बढ़ोतरी हुई है.संतोष कुमार, Vice Chairman, ANAROCK
देश के टॉप 7 शहरों के प्रमुख इलाकों में आवासीय किराये में औसतन 4-9% की बढ़ोतरी हुई है. ये देखते हुए कि सामान्य एनुअल ग्रोथ 5-10%, ये बढ़ोतरी महत्वपूर्ण है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये निश्चित तौर पर मकान मालिकों के लिए शुभ संकेत है. वहीं बढ़ती महंगाई को देखते हुए किरायेदारों के लिए ये अतिरिक्त खर्च है और चिंता की बात है.